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बिहार में बाढ़: सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से मांगी मदद, तुरंत उतरी सेना

पिछले चौबीस घंटे से सीमांचल में लगातार हो रही बारिश से पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इस बाबत सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से बात की।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 01:31 PM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 10:47 PM (IST)
बिहार में बाढ़: सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से मांगी मदद, तुरंत उतरी सेना
बिहार में बाढ़: सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से मांगी मदद, तुरंत उतरी सेना

पटना [जेएनएन]। नेपाल के तराई इलाके और सीमांचल में लगातार 72 घंटे से हो रही भारी वर्षा के कारण किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना बुला ली गई।

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ओडिशा से हेलीकॉप्टर से एनडीआरएफ की चार टुकडिय़ों को आज दोपहर पूर्णिया राहत और बचाव कार्य के लिए उतार दिया गया। दानापुर से सेना के जवान बाढग़्रस्त इलाकों के लिए रवाना कर दिए गए है। वायुसेना के गोरखपुर बेस से फूड पैकेट गिराने के हेलीकाप्टर की मदद ली जा रही है।

मुख्यमंत्री ने पीएम, राजनाथ और जेटली से मांगी मदद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार सुबह आला अफसरों के साथ बाढ़ के हालात पर आपात बैठक की। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरूण जेटली से आज सुबह टेलीफोन पर बात करके केंद्र से एनडीआरएफ की दस अतिरिक्त टुकडिय़ों की मांग की है।

मुख्यमंत्री पूरे दिन लगातार स्वयं बाढ़ और बचाव की मॉनिटङ्क्षरग में व्यस्त रहे। उन्होंने सीमांचल के जनप्रतिनिधियों को टेलीफोन करके उन्हें क्षेत्र के लोगों से सतत संपर्क में बने रहने की अपील की है। पीएम से उन्होंने राहत कार्य के लिए वायुसेना के हेलीकाप्टर की व्यवस्था करने की मांग की।

मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, जल संसाधन के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने भी बैठक की। मुख्य सचिव ने बताया कि एक तरह से जल प्लावन के हालात है।

किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार में पिछले दो दिनों में ही करीब 50 सेमी. वर्षा हुई है। यानी करीब दो फीट पानी पूरे सीमांचल इलाके में दो दिनों में हुआ है। इतनी वर्षा अगर छह सात दिनों में हुई होती तो उतनी तबाही नहीं होती।

मुख्य सचिव ने बताया कि सबसे गंभीर स्थिति किशनगंज, पूर्णिया और अररिया की की है। यह पानी जब नीचे जाएगा, तो कल तक कटिहार की भी यही स्थिति हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ईस्ट वेस्ट कोरिडोर  हाईवे का संपर्क अभी टूटा नहीं है। प्रखंड और अनुमंडलों का जिला मुख्यालयों से संपर्क टूट गया है। बिजली और टेलीफोन व्यवस्था के ध्वस्त होने के कारण वायरलेस सेवा को दुरूस्त रखने को कहा गया है ताकि जहां भी जरूरत पड़े तुरंत बचाव और राहत सुविधाएं पहुंचाई जा सके।

उन्होंने कहा कि पूर्णिंया के वायसा प्रखंड के कदमखाड़ी में डेढ़ दो सौ लोग फंसे हुए है। पानी के तेज बहाव के चलते उनका निकलना संभव नहीं है। ओडिशा से पहुंची एनडीआरएफ टीम को इन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है। किशनगंज में पहले से चलाए जा रहे 60 राहत केंद्रों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रशासन को उसे भी हटाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि तेज हवा के कारण लोकल नौकाओं को चलाना संभव नहीं है।

मंत्रियों और सचिवों को वहां जाने के निर्देश
म ख्यमंत्री ने किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार के प्रभारी मंत्री और सचिवों को अविलम्ब अपने-अपने जिला मुख्यालयों में पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया है।


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