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बोले सीएम नीतीश- राज्य के खजाने पर प‍हला अधिकार आपदा पी़डि़त का

सीएम नीतीश ने बिहार राज्य आपदा जोखिम न्यूनीकरण मंच का उद्घाटन करते हुए कहा कि आपदा से बचाव के लिए जागरूकता का क्रियान्वयन में जन-जन की भागीदारी जरूरी है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 10:28 PM (IST)
बोले सीएम नीतीश- राज्य के खजाने पर प‍हला अधिकार आपदा पी़डि़त का
बोले सीएम नीतीश- राज्य के खजाने पर प‍हला अधिकार आपदा पी़डि़त का

पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को आपदा प्रबंधन में लगे अफसरों व कर्मियों को नसीहत दी कि आपदा प्रबंधन के काम में वे कोई कोताही न बरतें, अन्यथा अंतरात्मा को कष्ट होगा। सबसे बड़ी चीज है कि अंतरात्मा को शांति मिले। कोई भी काम कीजिएगा तो झेलना पड़ेगा, पर मुझे कोई चिंता नहीं।

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हम तो झेलते हैैं। हमारी प्रतिबद्धता तो लोगों के प्रति है। आपदा प्रबंधन विभाग के तत्वावधान में स्थानीय अधिवेशन भवन में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार आपदा जोखिम न्यूनीकरण मंच के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बारे में नीचे के स्तर तक लोगों को सजग किया जाना जरूरी है। आपदा प्रबंधन को लेकर चल रहे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में जन-जन की भागीदारी आवश्यक है। आपदा की आशंका हर क्षेत्र में है। खतरों के बारे में व्यवहारिक रूप से यह जानना जरूरी कि उसे कम करने के क्या तरीके हैैं। सब लोग पूरी जिम्मेवारी से इस काम में लगें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से यह कहते रहे हैैं कि राज्य के खजाने पर आपदा पीडि़त का सबसे पहला अधिकार है। उन्होंने कहा कि पहले आपदा पीडि़तों को सहायता आपदा से गुजरने के काफी दिनों बाद मिलती थी।

मैैंने यह कहा कि जब कोई आपदा में है और उसे तत्काल सहायता न मिले तो फिर सहायता का क्या मतलब? तत्काल सहायता के लिए काफी परिश्रम किया गया है। अब आपदा के कारण होने वाली मौत में संबंधित व्यक्ति के परिजनों को चौबीस घंटे के अंदर सहायता मिलती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न तरह की आपदा के लिए बने एसओपी का भी जिक्र किया।

वज्रपात एप की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आंध्रप्रदेश की सरकार इस एप का इस्तेमाल कर रही है। ठनका गिरने के पहले यह सूचना मिल जाती है कि कहां ठनका गिरेगा। यह तकनीक काफी कारगर होगी।

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उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को कहा कि इस एप की व्यवस्था लागू करने के लिए राशि के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री राहत कोष से वह इसके लिए राशि उपलब्ध कराएंगे। आपदा से बचाव को ले स्कूली बच्चों के प्रशिक्षण पर मुख्यमंत्री ने विशेष जोर दिया।

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