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नेपाल मेंं गृहयुद्ध जैसे हालात, पुलिस फायरिंग में पांच की मौत, सड़क पर उतरी सेना

नेपाल के संविधान में समानता और मधेस व थारू प्रदेश की मांग को लेकर जारी आंदोलन गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करता जा रहा है। मंगलवार को पुलिस फायरिंग में पांच लोग मारे गए। प्रतिक्रिया में आंदोलनकारियों ने पर्सा व बारा जिलों में 25 पुलिस चौकियों को जला डाला।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 03:57 PM (IST)
नेपाल मेंं गृहयुद्ध जैसे हालात, पुलिस फायरिंग में पांच की मौत, सड़क पर उतरी सेना

जागरण टीम, पटना। नेपाल के संविधान में समानता और मधेस व थारू प्रदेश की मांग को लेकर जारी आंदोलन गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करता जा रहा है। इस क्रम में मंगलवार को पुलिस फायरिंग में पांच लोग मारे गए। इसकी प्रतिक्रिया में आंदोलनकारियों ने पर्सा व बारा जिलों में 25 पुलिस चौकियों को जला डाला। स्थिति भयावह होते देख वीरगंज को दंगाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। वहां सेना ने फ्लैग मार्च किया।

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आंदोलन मंगलवार को 19वें दिन काफी उग्र हो गया। इस दौरान वीरगंज व कलैया में पुलिस फायरिंग में पांच लोग मारे गए, जबकि एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की शुरुआत छपकैया में वाहन रोकने को लेकर शुरू हुआ। झड़प के बाद फायरिंग होने लगी।

पुलिस फायरिंग में मधेस आंदोलन के अगुआ और संघीय समाजवादी फोरम नेपाल (पर्सा) के जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव बाल-बाल बच गए। स्थिति पर नियंत्रण के लिए वीरगंज को दंगाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। वहां सेना सड़क पर उतर आई है। सेना लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। तनाव आज 20वें दिन भी कम होता नहीं दिख रहा है।

उधर, पुलिस फायरिंग की सूचना मिलने के बाद उग्र आंदोलनकारियों ने पर्सा व बारा जिले में 25 पुलिस चौकियों को आग के हवाले किया। लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। वीरगंज समेत नेपाल के 22 जिलों में बाजार, सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठान, दुकानें बंद रहीं।

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अलग प्रदेश बनने तक जारी रहेगा आंदोलन

मधेस आंदोलन के अगुवा प्रदीप यादव ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला धृतराष्ट्र बने हुए हैं। मधेसी जनता पर दमन व पुलिस फायरिंग हो रही है, लेकिन वे चैन की वंशी बजा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जबतक संविधान में संशोधन नहीं होता, तथा प्रदेश अलग नहीं होगा तबतक आंदोलन जारी रहेगा।

आंदोलनकारी पूर्व मंत्री राजेंद्र महतो, सांसद लालबाबू राउत गद्दी, पूर्व मंत्री करीमा बेगम, बालकिशोर यादव, ललन यादव, अजय चौरसिया ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन कर विरोध जताया। प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि भोला साह व दीनानाथ को पुलिस ने घर से खींचकर गोली मार दी। यहां मानवाधिकार का हनन हो रहा है।

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भारतीय सांसदों ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहल की मांग

नेपाल में शांति बहाली के लिए भारत के सांसद हुकुमदेव नारायण यादव, सांसद रामा देवी, सासंद सतीश दुबे, सांसद अजय निषाद, सांसद रामाकिशोर सिंह, सासंद रामकुमार शर्मा, सांसद डॉ.अनिल साहनी, सांसद संतोष कुशवाहा व रक्सौल के विधायक डॉ.अजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शांति की पहल करने और आंदोलनकारियों से शांति का रास्ता अख्तियार करने की मांग की है। उन्होंने नेपाल की सरकार से शांति के लिए पहल करने का अनुरोध किया है।


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