मोदी व नीतीश सरकारों में इस बात पर ठनी, केंद्र ने कहा- वापस लो फैसला
केंद्र सरकार ने बिहार के तीन आइएएस अधिकारियों को नियमों को दरकिनार कर दी गई पदोन्नति पर आपत्ति दर्ज की है। केंद्र ने बिहार सरकार से इस फैसले को वापस लेने के लिए कहा है।
पटना [वेब डेस्क]। केंद्र की मोदी सरकार के साथ बिहार का विवाद नया नहीं। ताजा मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास अधिकारियों की पदोन्नति का है। केंद्र सरकार ने बिहार के तीन अधिकारियों को नियमों को दरकिनार कर पदोन्नति देने पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इसे वापस लेने को कहा है।
केंद्र सरकार का केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय समय-समय पर आइएएस अधिकारियों की पदोन्नति के लिए गाइडलाइन जारी करता है। लेकिन, बिहार में नीतीश सरकार ने तीन आइएएस अधिकारियों को इस गाइडलाइन को दरकिनार कर समय से पहले ही प्रधान सचिव पद पर पदोन्नति दे दी। जब इसकी सूचना केंद्र सरकार को भेजी गई तो केंद्र ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए इस फैसले को रद करने को कहा है।
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यह है मामला
दरअसल, 1992 बैच के IAS अधिकारी चंचल कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। लंबे समय से वे मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत हैं। चंचल कुमार को 24 साल 6 महीने के कार्यकाल में ही प्रधान सचिव (मुख्यमंत्री सचिवालय) के पद पर पदोन्नति देकर पोस्टिंग कर दी गई। चंचल कुमार के अलावा दो और आइएएस अधिकारियों श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह और पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव हरजोत कौर को भी सरकार ने तय सीमा से पहले प्रधान सचिव में पदोन्नति दी गई।
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ये है भारत सरकार की गाइडलाइन
- प्रधान सचिव में प्रोन्नति उन्हीं अफसरों को दी जाएगी जो अपनी नौकरी के 25 साल पूरी कर चुके हों।
- नौकरी के ये 25 साल बिना विभागीय कार्यवाही के पूरे किए गए होने चाहिए।