लिवर प्रत्यारोपण के लिए 26 को केंद्रीय टीम करेगी संस्थान का निरीक्षण
राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में लिवर प्रत्यारोपण के लिए तैयार आधारभूत संरचना की जांच के लिए टीम आएगी।
पटना। राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में लिवर प्रत्यारोपण के लिए तैयार आधारभूत संरचना की जांच के लिए सोमवार को केंद्रीय इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइसेंज (आइएलबीएस) की टीम आएगी। पहले टीम को शनिवार को आना था लेकिन शुक्रवार को देर रात समय में बदलाव कर दिया गया। टीम यहां पर संस्थान द्वारा तैयार किए गए आधारभूत संरचना का निरीक्षण करेगी। टीम देखेगी कि वर्तमान में तैयार की गई संरचना के आधार पर लिवर प्रत्यारोपण किया जा सकता है या नहीं।
आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ.एनआर विश्वास का कहना है कि संस्थान में लिवर प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक तैयारी कर ली गई है। केंद्रीय टीम से अनुमति मिलते ही यहां पर लिवर प्रत्यारोपण का काम शुरू कर दिया जाएगा। राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम पहले ही संस्थान का निरीक्षण कर चुकी है। राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही केंद्रीय टीम संस्थान को लिवर प्रत्यारोपण की अनुमति प्रदान करेगी।
सूबे के मरीजों के लिए वरदान होगा संस्थान
आइजीआइएमएस में लिवर प्रत्यारोपण होना न केवल संस्थान के लिए बल्कि राज्य के लिए बड़ी बात होगी। विभिन्न कारणों से सूबे में मरीजों को लिवर की बीमारिया बढ़ती जा रही है। लिवर की कई बीमारियों में प्रत्यारोपण ही अंतिम विकल्प बचता है। यह एक जटिल ऑपरेशन है। इस दिशा में संस्थान ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बिहार से प्रतिवर्ष लिवर प्रत्यारोपण के लिए 1000 से अधिक लोग दिल्ली एवं देश के अन्य शहरों में जाते हैं।