Move to Jagran APP

बिहार चुनाव : शरीफ बस भाषण तक, दूसरे फेज में भी अपराधियों पर दांव, पढ़ने के लिए क्लिक करें

बिहार की सत्ता पर काबिज होने के लिए भले ही तमाम राजनीतिक दल खुद को दूध का धुला बताने में जी जान से जुटे हों, लेकिन हकीकत यह है कि राजनीतिक दलों का विश्वास शरीफों से ज्यादा अपराधियों पर हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 07:46 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 01:17 PM (IST)
बिहार चुनाव : शरीफ बस भाषण तक, दूसरे फेज में भी अपराधियों पर दांव, पढ़ने के लिए क्लिक करें

पटना। बिहार की सत्ता पर काबिज होने के लिए भले ही तमाम राजनीतिक दल खुद को दूध का धुला बताने में जी जान से जुटे हों, लेकिन हकीकत यह है कि राजनीतिक दलों का विश्वास शरीफों से ज्यादा अपराधियों पर हैं।

loksabha election banner

संभवत इसी वजह से बिहार विधानसभा चुनाव में अमूमन हर दल ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा दिखाया है। बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने शुक्रवार को दूसरे चरण में चुनाव लडऩे वाले 456 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण जारी कर दिया।

एडीआर की रिपोर्ट प्रत्याशियों द्वारा सौंपे गए शपथ पत्र के आधार पर तैयार की गई है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में मुख्य तौर पर दो बातों पर विशेष तवज्जो दी गई है। किस राजनीतिक दल ने दूसरे चरण में कितने आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है और दलों की ओर से कितने धन्ना सेठ उम्मीदवार मैदान में हैं।

रिपोर्ट बताती है कि दूसरे चरण के चुनाव में 456 उम्मीदवारों में से 106 उम्मीदवार ऐसे हैं जो करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। इनमें से अधिकांश के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की प्रॉपर्टी है।

दूसरे चरण में पार्टियों ने जिन प्रत्याशियों के सहारे बिहार बदलने का दावा किया है उनमें से 110 उम्मीदवारों पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं। 142 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन पर किसी ने किसी मामले को लेकर आपराधिक मुकदमा जरूर है।

1. छोटे लेकर बड़े अपराध तक

दूसरे चरण के चुनाव में खड़े 456 प्रत्याशियों में से 42 यानी 31 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। साथ ही 110 यानी 24 फीसद उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इन मामलों में हत्या, हत्या के प्रयास, साम्प्रदायिक दंगे, अपहरण, महिलाओं के उपर अत्याचार प्रमुख है। रिपोर्ट की माने तो 11 उम्मीदवारों ने आइपीसी की धारा 302 लगाए जाने का जिक्र भी किया है। चेनारी से बसपा के उम्मीदवार रामेंद्र राम ने हत्या से जुड़े दो मामले, बाकी ने एक-एक मामले घोषित किए हैं। गरीब जनता दल सेक्युलर के 2, सीपीआइएमएल एल के 1, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के 1, राजद के 1 और निर्दलीय 5 ने हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं। जबकि 36 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास के मामले घोषित किए हैं। 6 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं पर अत्याचार करने के मामले का हवाला दिया है। 2 प्रत्याशियों ने साम्प्रदायिक अशांति फैलाने, 4 ने लूट अथवा डकैती से जुड़े मामले और 5 प्रत्याशियों ने अपहरण से संबंधित मामले घोषित किए हैं।

2. धन्ना सेठ एक से एक :

दूसरे चरण में 23 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। भाजपा के 16 में से 9 यानी 56 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। जदयू के 13 में 10, राजद के 8, सपा के 8, कांग्रेस के 3, सीपीआई के 4, बसपा के 15 करोड़पति उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। मैदान में 146 उम्मीदवार निर्दलीय भी है जिनमें से 22 करोड़पति हैं। भाजपा के 16 उम्मीदवारों के पास औसतन 4.19 करोड़ रुपये की संपत्ति है। बसपा के 32 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.78 करोड़, जदयू के 13 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.65 करोड़, कांग्रेस के छह उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.44 करोड़ और राजद के 13 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.89 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार समाजवादी पार्टी के 19 कैंडीडेट की संपत्ति 2.12 करोड़, सीपीआई के 13 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 61.88 लाख है। जबकि निर्दलीय 146 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 28.46 लाख रुपये हैं।

3. तीन उम्मीदवार सबसे अधिक धनवान

दूसरे चरण के चुनाव में तीन उम्मीदवार सबसे अधिक धनवान हैं। बसपा के टिकट पर औरंगाबाद प्रत्याशी कुशल सिंह के पास 45 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। इसी प्रकार भाजपा के नबी नगर प्रत्याशी गोपाल नारायण 42 करोड़ और अरवल से आरक्षण विरोधी पार्टी उम्मीदवार ललित मोहन सिंह के पास 34 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।

4. अमीरों के बीच गरीब भी कम नहीं

एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि सीपीआई के टिकट पर नबीनगर से चुनाव लडऩे वाले राम आशीष राम के पास सिर्फ एक हजार रुपये की संपत्ति है। जबकि अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के टिकट पर बोधगया सुरक्षित सीट से प्रत्याशी राजकुमार पासवान के पास तीन हजार और क्रांतिकारी विकास दल की बारचट्टी उम्मीदवार मुन्नी देवी सात हजार की संपत्ति की मालकिन हैं।

5. सिर पर देनदारी का बोझ भी कम नहीं

चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले नेताओं पर देनदारी का बोझ भी कम नहीं। दूसरे चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा देनदारी वाले प्रत्याशी हैं प्रमोद सिंह। बसपा के टिकट पर रामगढ़ से चुनाव लड़ रहे प्रमोद सिंह पर 7 करोड़ रुपये की देनदारी है। दूसरे नंबर पर हैं कुशल सिंह जिनके ऊपर 3 करोड़ और मोहम्मद इलियास हुसैन पर दो करोड़ की देनदारी है। इलियास राजद के टिकट पर डेहरी से चुनाव लड़ रहे हैं।

6. संपत्ति करोड़ों में पर पैन नहीं

दूसरे चरण में नौ उम्मीदवार ऐसे हैं जो मालिक तो करोड़ों के हैं परन्तु उनके पास पैन नंबर नहीं। ऐसे उम्मीदवारों में जवाहर सिंह यादव, धनुष सिंह यादव, रामचंद्र यादव, कासिम, सुद्धेश्वर कुमार, रामसेवक प्रसाद, लाल मोहन चौधरी, बलराम चौबे और विनय कुमार हैं।

7. 219 उम्मीदवार 5वीं से 12 वीं पास

दूसरे चरण में चुनाव लडऩे वाले 219 प्रत्याशी यानी 48 प्रतिशत उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं पास है। जबकि 207 उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे ऊपर की शिक्षा ग्रहण की शपथ दी है। 30 उम्मीदवारों ने शपथपत्र में लिखा है कि वे साक्षर हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.