BSSC चेयरमैन निकला पेपर लीक रैकेट का सरगना, जानिए इसका भांजा कनेक्शन
एसआइटी ने पेपरलीक मामले में बीएसएससी के चेयरमैन सुधीर कुमार को गिरफ्तार किया है। उनके साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। इन सबकी संलिप्तता से ही पेपरलीक हुआ।
By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 07:53 AM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 10:49 PM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। हाल ही में बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की परीक्षा में पेपर (प्रश्नपत्र) लीक से सनसनी फैल गई थी। इस मामले में आयोग के सचिव परमेश्वर राम के बाद एसआइटी ने शुक्रवार को चेयरमैन सुधीर कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार सुधीर कुमार ने ही घरवालों के साथ मिलकर परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक किए थे। एसआइटी के प्रमुख पटना के एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि सुधीर कुमार कांड के मास्टरमाइंड हैं। पर्याप्त सबूत के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई है।
प्रश्नपत्र लीक करके उसका सौदा करने के आरोप में सुधीर कुमार के छोटे भाई प्रो. अवधेश कुमार, उसकी पत्नी मंजू देवी और भांजे आशीष कुमार के साथ दो अन्य दलालों को भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में सुधीर कुमार के पिता राधा प्रसाद की भी गिरफ्तारी हो सकती है।
उन्होंने ही अपने नाती आशीष (सुधीर कुमार के भांजा) को प्रश्नपत्र व उसके उत्तर परीक्षा के एक सप्ताह पहले हजारीबाग में उपलब्ध कराए थे। सुधीर के परिवार के कई सदस्य प्रश्नपत्र लीक करने और उसका सौदा करने से जुड़े हुए थे।
एसआइटी ने सुधीर को बताया मास्टरमाइंड
बीएसएससी की प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार ही हैं। एसआइटी ने शुक्रवार को 87 बैच के इस आइएएस अधिकारी को पटना स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
एसआइटी का नेतृत्व कर रहे पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने दावा किया कि सुधीर कुमार ही प्रश्नपत्र लीक मामले के मास्टरमाइंड हैं।
सुधीर कुमार के भांजे आशीष कुमार और गुजरात से गिरफ्तार कर पटना लाए गए उस प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत को भी मीडिया के सामने लाकर एसएसपी ने बताया कि आशीष और मंजू देवी भी परीक्षा में शामिल हो रहे थे। सुधीर कुमार के कुल 4 रिश्तेदारों को परीक्षा में शामिल होना था। उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए पेपर और उसके उत्तर परीक्षा के एक सप्ताह पूर्व उपलब्ध करा दिए गए थे।
क्यों गिरफ्तार हुए सुधीर
बीएसएससी की किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र और ओएमआर की छपाई की जानकारी केवल आयोग के अध्यक्ष के पास होती है। एसआइटी जांच की शुरुआत में ही यह पता चल चुका था कि आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार के परिवार के एक-दो नहीं बल्कि चार सदस्य इस प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले थे। प्रश्नपत्र की छपाई कहां हो, इसका फैसला आयोग के अध्यक्ष ही लेते हैं।
पुलिस के सामने सवाल थे कि बिना सुधीर कुमार की जानकारी के उनके नजदीकी रिश्तेदारों के पास प्रश्नपत्र कैसे पहुंचे? सुधीर कुमार ने परिवार के लोगों को बचाने के लिए एसआइटी की पूछताछ में झूठ बोला था। एसआइटी की पूछताछ में सुधीर कुमार ने इस संबंध में जो जानकारियां दी थी, वह एसआइटी को गुमराह करने वाली थीं।
यह समझ में आते ही पुलिस ने सुधीर कुमार और उनके परिजनों के फोन की जांच शुरू कर दी। फिर मामला खुलता चला गया।
सुधीर के पिता भी घोटाले में शामिल
आशीष ने कहा कि उसे उसके नाना (सुधीर कुमार के पिता) राधा प्रसाद ने आयोग की परीक्षा से करीब एक सप्ताह पहले ही प्रश्नपत्र और उसके उत्तर उपलब्ध कराए थे। बाद में उसने इसका सौदा राजधानी के राजीव नगर में एवीएन स्कूल व रैंडम क्लासेज के संचालक रामाशीष सिंह से किया। पैसे भी मिले थे। और कमाई के लिए उसने इस प्रश्नपत्र को उत्तर समेत बाजार में उतार दिया था। सुधीर कुमार के पिता राधा प्रसाद हजारीबाग में रहते हैं।
आशीष ने रैंडम क्लासेज के रमेश से बेचा था प्रश्नपत्र
एसएसपी ने बताया कि आयोग की इंटरस्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्नपत्र हजारीबाग से ही वायरल हुआ था। अपने नाना से प्रश्नपत्र मिलने के बाद आशीष ने इसका सौदा रैंडम क्लासेज के रमेश से किया था। प्रति अभ्यर्थी छह-छह लाख रुपये में सौदा हुआ था। लेकिन, रमेश और रामाशीष सिंह ने इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके कारण राज्य के कई शहरों में स्थित परीक्षा केंद्रों तक पहुंच गया।
किसी नेता का नाम नहीं आया सामने
प्रश्नपत्र लीक होने की जांच शुरू होने पर सुधीर कुमार ने मीडिया से कहा था कि उनके पास नेताओं के फोन आते थे। शुक्रवार को सुधीर के पिता और पत्नी ने भी आरोप लगाया कि नेताओं के इशारे पर सुधीर कुमार को फंसाया गया है। हालांकि, एसआइटी प्रमुख मनु महाराज ने किसी नेता का नाम आने से इन्कार किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या अबतक हुई जांच में किसी नेता का भी नाम पता चला है, एसएसपी ने इन्कार किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अबतक कुल 32 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुक्रवार को दो अन्य दलालों सज्जाद अहमद और नीति रंजन प्रताप को भी गिरफ्तार किया गया।
एसएसपी ने बताया कि सुधीर कुमार और उनके तीन अन्य परिजनों की गिरफ्तारी साक्ष्यों के आधार पर की गई। उनकी गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने अदालत से वारंट भी हासिल कर लिया गया था। मनु महाराज ने कहा कि हमने वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए हैं। हमारी जांच इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर आधारित है।
परमेश्वर से जुड़ा था सुधीर का भांजा
एसएसपी के अनुसार सुधीर कुमार का भांजा आशीष आयोग के सचिव परमेश्वर राम से भी जुड़ा रहा है। परमेश्वर राम और आशीष के बीच अभ्यर्थियों से मिलने वाले पैसे का आधा-आधा बंटवारा करने का एक आपसी समझौता भी हो चुका था।
प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के साथ भी थी सांठगांठ
अहमदाबाद स्थित प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत से सुधीर कुमार संपर्क में थे। साथ ही सुधीर कुमार ने एसआइटी की पूछताछ में यह नहीं बता सके कि प्रश्नपत्रों को किसने तैयार किया था।
उन्होंने जिस व्यक्ति का नाम बताया था, वह व्यक्ति आइआइटी का प्रोफेसर है। एसआइटी की पूछताछ में उसने आयोग की किसी भी परीक्षा का प्रश्नपत्र तैयार करने से साफ इन्कार कर दिया। एसएसपी ने आइआइटी के इस प्रोफेसर का नाम बताने से इन्कार कर दिया।
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