स्कूलों में जमा हो रहीं 70 फीसद पुस्तकें रद्दी
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देश पर जिले के सभी प्राथमिक व मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों ने शनिवार को संबंधित विषय की किताबें जमा कराई।
पटना। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देश पर जिले के सभी प्राथमिक व मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों ने शनिवार को संबंधित विषय की किताबें जमा कराई। प्रधानाध्यापकों की मानें तो 70 फीसद किताबों के कई पन्ने फटे हैं। इनमें से अधिसंख्य के शुरुआती चैप्टर ही नदारद हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार वार्षिक मूल्यांकन के पहले दिन पांच लाख से अधिक ¨हदी व संस्कृत की किताबें जमा होने का अनुमान है। शिक्षकों ने बताया कि तीसरी से आठवीं कक्षा तक की पुस्तकें वापस लेनी है। सातवीं व आठवीं की पुस्तकें कुछ हद तक बेहतर हैं, तीसरी व चौथी कक्षा की अधिसंख्य किताबों का हाल बुरा है।
फटी किताबों से शुरू होगी नए सत्र में पढ़ाई
राजधानी के प्राथमिक व मिडिल स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने बताया कि नई किताबों की डिमांड अप्रैल प्रथम सप्ताह में जिला मुख्यालय को भेजी जाएगी। पुस्तकों को स्कूलों तक पहुंचने में कम से कम दो माह के समय लगेंगे। इस स्थिति में पढ़ाई जमा की जा रही फटी किताबों से ही होगी।
किताब गुम होने पर होती है परेशानी
शिक्षक व विद्यार्थियों ने बताया कि बाजार में सरकारी स्कूलों की किताबें नहीं मिलती हैं। किताब गुम हो जाने व फटने पर फोटो कॉपी के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता है। वहीं, शिक्षकों का कहना है कि हर साल डिमाड से कम किताबें भेजी जाती हैं।
बोले शिक्षक
हमारे स्कूल में ज्यादातर बच्चों की पुस्तकें अच्छी स्थिति में हैं। पुस्तकालय होने के कारण बच्चे हर साल स्वेच्छा पुस्तकें जमा करते हैं।
नृपेंद्र, शिक्षक, बालक मध्य विद्यालय, तारामंडल
हर साल किताब वापस लिए जाते हैं। इस साल थोड़ी सख्ती बरती जा रही है। सातवीं व आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की पुस्तकें कुछ बेहतर स्थिति में है।
नंदकिशोर शर्मा, शिक्षक, मध्य विद्यालय गोलघर