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पटना में लाल खून के काले धंधे का पर्दाफाश, जानिए मामला

बुधवार को औषधि विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए खून की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 04 May 2017 11:17 AM (IST)Updated: Thu, 04 May 2017 11:10 PM (IST)
पटना में लाल खून के काले धंधे का पर्दाफाश, जानिए मामला
पटना में लाल खून के काले धंधे का पर्दाफाश, जानिए मामला

पटना [जेएनएन]। औषधि विभाग व पटना पुलिस ने मिलकर एक बार फिर लाल खून के काले धंधे का पर्दाफाश किया है। टीम ने बुधवार को पीरबहोर थाना क्षेत्र के खजांची रोड स्थित नालंदा मेडिको में छापामारी कर तीन ब्लड बैग बरामद किए। इसके अलावा दुकान से भारी संख्या में डायलेक्स नामक नशीली दवा और एक्सपायरी दवाएं मिलीं। 

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गाजियाबाद की कंपनी की है ब्लड बैग

दुकान से जब्त ब्लड बैग उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद की कंपनी मित्रा इंडस्ट्रीज ने बनाई है। ड्रग इंस्पेक्टर ने कंपनी के अधिकारियों से बात की। बैच नंबर पता लगाया जा रहा है कि ये ब्लड बैग किसे जारी की गई थी। खुदरा दवा दुकान में बैग मिलने से जाहिर होता है कि खून की कालाबाजारी की जा रही है।


थोक विक्रेता हैं अधिकृत

डॉ. सचिदानंद ने बताया कि केवल लाइसेंसी थोक विक्रेता ही ब्लड बैग की बिक्री कर सकते हैं। वे ब्लड बैंक को बैग बेचते हैं। एक बैग की कीमत 64 रुपये हैं, लेकिन अनुसंधान के दौरान मालूम हुआ कि बैग कई गुणा अधिक कीमत पर बेची जा रही है।


ऐसा हुआ खुलासा

पीरबहोर थानाध्यक्ष कैसर आलम ने मंगलवार रात डॉ. सचिदानंद को नालंदा मेडिको से एक्सपायरी दवाइयों की बरामदगी की सूचना दी। चूंकि दवा दुकान में एक्सपायरी दवाइयां होना लाजमी है। यदि उसकी बिक्री की जा रही है या रैपर में हेराफेरी हुई तो उसे गैरकानूनी माना जाएगा।

सूचना मिलते ही औषधि विभाग की टीम वहां पहुंच गई। इस दौरान दुकानदार इंदूभूषण सिन्हा के गोविंद मित्रा में पॉल लेन स्थित घर की भी तलाशी ली गई, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। दुकान की तलाशी के क्रम में तीन ब्लड बैग मिले, जिससे खून के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ।

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जारी है ऑपरेशन ड्रग माफिया

औषधि विभाग की टीम ने मंगलवार रात भूतनाथ रोड स्थित मेडी वल्र्ड नामक दवा दुकान में छापेमारी की थी। ऑपरेशन ड्रग माफिया के तहत 20 अप्रैल से टीम की कार्रवाई चल रही है। इस छापेमारी के दौरान टीम ने लगभग पांच लाख रुपये की एक्सपायरी दवाइयां जब्त की थीं, जिसे दुकानदार फेंकने जा रहा था। 

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नियमानुसार एक्सपायरी दवाओं को नष्ट करने के लिए अनुमति लेनी होती है। इसके बाद टीम का गठन किया जाता है, फिर सुरक्षित स्थान पर उन्हें करते हैं।


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