बीआइटी में छात्रों ने जड़े ताले, बंद रहा संस्थान
बीआइटी पटना में आर्किटेक्चर के छात्रों ने सोमवार को उग्र प्रदर्शन किया।
पटना। बीआइटी पटना में आर्किटेक्चर के छात्रों ने सोमवार को उग्र प्रदर्शन किया और पूरे संस्थान में तालाबंदी कर दी। इससे संस्थान की तकरीबन सारी गतिविधियों ठप रहीं। मार्च माह होने के कारण एकाउंट सेक्शन में कामकाज ठप तो नहीं किया, लेकिन उसी के आगे वे धरने पर बैठे रहे। ऑर्किटेक्चर के छात्रों का धरना रात तक जारी रहा। धरने में छात्राओं ने साथ दिया। बीआइटी में नियम यह है कि छात्राएं छह बजे के बाद हॉस्टल परिसर से बाहर नहीं रह सकतीं, लेकिन धरने में शामिल छात्राएं सोमवार को हॉस्टल लौटीं ही नहीं।
इसलिए हो रहा संस्थान में हंगामा
बीआइटी यानी बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कोर्स बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर को यूजीसी से मान्यता नहीं मिली है। इस कोर्स का उद्घाटन 2012 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। संस्थान का पहला बैच महीने भर में पास आउट होने वाला है। दिक्कत यह है कि उन्हें काम करने के लिए लाइसेंस काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर देती है। उसने बीआइटी के आर्किटेक्चर के छात्रों को लाइसेंस देने से इन्कार कर दिया है। काउंसिल की शर्त है कि पहले यूजीसी से मान्यता होनी चाहिए।
बर्बाद हो जाएंगे पांच साल और लाखों रुपये
छात्रों का कहना है कि काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर का लाइसेंस नहीं मिला, तो उनका पूरा कॅरियर बर्बाद हो जाएगा। पांच साल से वे पढ़ाई कर रहे हैं। करीब 15 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। इतना ही नहीं, 2012 से लगातार हर साल इस कोर्स में नामांकन हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो सभी बैच के छात्रों का कॅरियर बर्बाद हो जाएगा।
छात्रों ने आरोप लगाया कि वीसी इस मामले में हस्तक्षेप करने के बजाय दूसरे समारोहों में व्यस्त हैं। वे पत्रों का न तो जवाब दे रहे और न ही कुछ कर रहे हैं। संस्थान के निदेशक भी लाचार बने हुए हैं। धरना दे रहे छात्रों ने कहा कि जब तक समाधान नहीं निकलता, वे आंदोलन जारी रखेंगे।