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नेपाल के बाद भूकंप का सर्वाधिक असर बिहार में, 52 की मौत, सैकड़ों घायल

कुदरत का कहर झेल रहे बिहार को सप्ताह भीतर दूसरा झटका लगा है। इस बार कहर आसमान के बजाय धरती ने ढाया है।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 09:03 PM (IST)
नेपाल के बाद भूकंप का सर्वाधिक असर बिहार में, 52 की मौत, सैकड़ों घायल

पटना। भूकंप का केंद्र रहे नेपाल के बाद सबसे अधिक असर बिहार में हुआ है। कुदरत का कहर झेल रहे बिहार को सप्ताह भीतर दूसरा झटका लगा है। इस बार कहर आसमान के बजाय धरती ने ढाया है। मंगलवार रात आए चक्रवाती तूफान का दर्द अभी कम हुआ भी नहीं था कि शनिवार को भूकंप के तेज झटके 52 लोगों की जान पर भारी पड़ गए। मृतकों का यह आंकड़ा प्रारंभिक है। 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। 28 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 45 लोगों के मरने तथा 133 के घायल होने की पुष्टि की है। करीब एक घंटे बाद दोबारा झटके महसूस किए गए, जिससे लोग दहशत में आ गए।

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शनिवार दोपहर 11:44 बजे के करीब बिहार में भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया। इसका केंद्र नेपाल का लामचुंग जिला था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.9 मापी गई। नेपाल से सटे उत्तरी बिहार के जिले पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सुपौल, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी और दरभंगा बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। पूरे राज्य में बिजली एवं संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई घर जमींदोज हो गए हैं। मजबूत बिल्डिंगों में भी दरारें पड़ गई हैं। भूकंप के लिहाज से अगले 48 घंटे संवेदनशील हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया है।

दिल्ली में जनता परिवार की बैठक रद कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना लौट आए हैं। भूकंप के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार ने राहत कार्यों में तत्परता दिखाई। सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने आपातकालीन मीटिंग बुला कर राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा नियंत्रण बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण बल) की टीमें लगा दीं। डीएम-एसपी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। डीजीपी पीके ठाकुर ने थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। सभी डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद कर दी गई है। हड़ताली डॉक्टर भी सहयोग के लिए काम पर लौट आए हैं।

पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी और दरभंगा जिलों में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। राजधानी पटना के एक प्रसिद्ध माल समेत सैंकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं। घंटे भर के भीतर दूसरे झटके से लोग दहशत में आ गए। लोग घरों से बाहर आ गए। सड़कों पर भीड़ जमा हो जाने से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित रही। स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। संचार व्यवस्था ठप होने की वजह से लोग एक-दूसरे का हाल जानने के लिए बेचैन रहे।

मुआवजा और राहत : सरकार ने भूकंप में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता का एलान किया है। घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज कराया जाएगा। ध्वस्त हुए घरों का आकलन किया जा रहा है।

'दैनिक जागरण' के सूत्रों के मुताबिक जिलेवार मृतकों की संख्या

दरभंगा : 10

पूर्वी चंपारण : 09

सीतामढ़ी : 06

सिवान : 03

सुपौल : 03

अररिया : 03

छपरा : 03

बेगूसराय : 02

शिवहर : 02

मधुबनी : 02

पश्चिमी चंपारण : 02

मधेपुरा : 02

नवादा : 01

गोपालगंज : 01

लखीसराय : 01

सहरसा : 01

कटिहार : 01

अब तक आ चुके हैं 17 झटके

मौसम विभाग के निदेशक एके सेन ने बताया कि सुबह नेपाल के पोखरा से अब तक 17 झटके आ चुके हैं। ये सभी झटके दिन के 11:41 बजे से देर शाम तक रिकॉर्ड किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर सबसे बड़ा झटका 11:41 मिनट पर आया, जिसकी तीव्रता 7.9 मापी गई। इसके बाद 12:15 बजे आए झटके की तीव्रता 6.6 मापी गई। दोपहर बाद 2:45 बजे पटना में 5.8 तीव्रता का कंपन महसूस किया गया, हालांकि उसकी तीव्रता कम होने के कारण सिर्फ ऊंचे व पुराने भवन तथा पुल के ऊपर ही महसूस किया गया। ग्राउंड फ्लोर पर वह कंपन महसूस नहीं किया गया। शेष झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 या इससे कम मापी गई।

अगले 48 घंटे संवेदनशील

बिहार के लिए अगले 48 घंटे मुश्किल भरे हो सकते हैं। मौसम विभाग ने बिहार के लिए दोहरा अलर्ट जारी किया है। इस दौरान आंधी व भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं। नेपाल से सटे मोतिहारी, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और दरभंगा जिले में सेकेंडरी झटके आने की संभावना है, मगर इसकी तीव्रता ज्यादा नहीं होगी। राज्य के पूर्वी और उत्तर पूर्वी जिलों में तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान की आशंका बनी हुई है।


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