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सीएम नीतीश का बड़ा ऐलान : 01 अप्रैल से बिहार में नहीं बिकेगी शराब

मद्य निषेध दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया। अधिकारियों के साथ मंत्रणा करने के बाद उन्‍होंने प्रदेश में शराबबंदी की अनुशंसा कर दी। यह निर्णय एक अप्रैल से प्रीाावी होगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 08:20 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 11:17 AM (IST)
सीएम नीतीश का बड़ा ऐलान : 01 अप्रैल से बिहार में नहीं बिकेगी शराब

पटना। गुरुवार को मद्य निषेध दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा एलान किया। अगले साल यानी 2016 की पहली अप्रैल से बिहार में राज्य सरकार शराबबंदी को लागू करेगी। इस बाबत मुख्यमंत्री ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया।

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शराबबंदी से संबंधित नई नीति भी अगले साल पहली अप्रैल से लागू कर दी जाएगी। नशा के खिलाफ अभियान चलाने वाले और गांव में शराब की बिक्री बंद कराने वाले स्वयं सहायता समूहों को उन्होंने पुरस्कृत करने की घोषणा की।

सचिवालय परिसर स्थित अधिवेशन भवन में निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने मद्य निषेध दिवस समारोह का आयोजन किया था। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पाद से मिलने वाले राजस्व में कमी हो जाने से कुछ चीजों के लिए इंतजार कर लिया जाएगा, लेकिन शराबबंदी हर हाल में लागू होगी। उनकी सरकार का आरंभ से ही मद्य निषेध पर जोर रहा है।

शराबबंदी की पृष्ठभूमि

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ माह पहले राजधानी पटना स्थित एसके मेमोरियल हॉल में स्वयं सहायता समूह के एक कार्यक्रम में महिलाओं ने उनसे शराब की बिक्री बंद कराने का अनुरोध किया था। उस वक्त वे अपना संबोधन खत्म कर चुके थे।

वह अनुरोध उन्हें मर्मस्पर्शी लगा और वे उठकर दोबारा माइक पर गए और वादा किया कि सत्ता में वापसी होने पर वे शराबबंदी लागू कर देंगे। वह दिल से निकली हुई आवाज थी। जो बात कही है उससे पीछे नहीं हटेंगे। शराब का महिलाओं के जीवन पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है, खासकर गरीब परिवारों के बीच।

राज्य पर आर्थिक बोझ

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों की फंडिंग का पैटर्न बदल दिया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पडऩा है, लेकिन जब गरीबों के घर में खुशी होगी तो विकास दोगुने रफ्तार में होगा।

महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण में शराब बाधक है। इसे भगाना ही पड़ेगा। इस मौके पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के नव पदस्थापित प्रधान सचिव केके पाठक, राजस्व पर्षद के सदस्य आनंदवद्र्धन सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा और उत्पाद आयुक्त कुंवर जंग बहादुर आदि मौजूद थे।


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