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बिहार बंद से हलकान रही व्यवस्था, लाठीचार्ज के बाद सैकड़ों हिरासत में

कथित तौर पर पुलिसिया दमन के खिलाफ सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आहूत बिहार बंद असरदार रहा। बंद समर्थकों से निपटने में पुलिस-प्रशासन से जुड़े लोग हलकान रहे।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2015 10:13 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 07:49 PM (IST)
बिहार बंद से हलकान रही व्यवस्था, लाठीचार्ज के बाद सैकड़ों हिरासत में

जेएनएन, पटना। कथित तौर पर पुलिसिया दमन के खिलाफ सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आहूत बिहार बंद असरदार रहा। बंद समर्थकों से निपटने में पुलिस-प्रशासन से जुड़े लोग हलकान रहे। सड़क और रेल यातायात के साथ स्कूल-कॉलेज आदि भी बंद से प्रभावित हुए। गया में स्नातकोत्तर की परीक्षा स्थगित हो गई। छपरा में ड्यूटी पर मुस्तैद एसडीओ कयूम अंसारी से बंद समर्थक भिड़ गए। इस दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। औरंगाबाद में बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे 72 छात्र हिरासत में लिए गए। पटना में अराजकता फैलाने के आरोप में 58 लोगों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने रिहा कर दिया।

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उल्लेखनीय है कि राज्य में शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ 26 मार्च को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने निकले थे। प्रदर्शनकारियों के एक जत्थे की आर ब्लॉक चौराहे पर पुलिस से भिड़ंत हो गई। पुलिस लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग में कई पुलिसकर्मियों सहित विद्यार्थी परिषद के कुछ समर्थक भी घायल हुए थे। उस पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ विद्यार्थी परिषद ने सोमवार (30 मार्च) को बिहार बंद का आह्वान किया था, जिसे राजग समर्थक संगठनों का समर्थन प्राप्त था। भाजपा के साथ नेशनल पीपुल्स पार्टी और लोजपा की छात्र इकाई ने बंद में बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभाई।

पटना परिक्षेत्र : बिहार बंद के दौरान विधि-व्यवस्था के लिहाज से सर्वाधिक संवेदनशील पटना था। राज्य की राजधानी होने के नाते पुलिस की सक्रियता भी अन्य शहरों की अपेक्षा यहां अधिक थी। अराजकता फैलाने के आरोप में पटना के विभिन्न क्षेत्रों से 58 लोगों को हिरासत में लिया गया। उन सभी को सूर्यास्त के पश्चात रिहा कर दिया गया। एसएसपी जितेन्द्र राणा ने बताया कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने दूसरों की जान-माल को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया। दुकानों व प्रतिष्ठानों में लूटपाट की कोशिश की गई। विधि-व्यवस्था में खलल डालने के आरोप में वे हिरासत में लिए गए थे। दरअसल, प्रदर्शन की आड़ में अराजकता का माहौल बनाने की कोशिश की गई थी।

छपरा में अधिकांश दुकानें बंद रहीं। सड़कों पर बड़े वाहन भी नहीं चले। गया में आवागमन अवरुद्ध किया गया। जीटी रोड पर यातायात काफी कम रही। मगध विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की परीक्षा नहीं हो पाई। भोजपुर में करीब आधे घंटे तक अप और डाउन मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। आरा-सासाराम, आरा-पटना, आरा-बक्सर मार्ग को भी जगह-जगह जाम कर वाहन परिचालन को बाधित किया गया। बेगूसराय रेलवे स्टेशन परिसर में बंद समर्थकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। औरंगाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग पांच घंटे तक जाम रहा। बंद समर्थक 72 छात्र हिरासत में लिए गए। भभुआ में शिक्षण संस्थानों आदि को जबरदस्ती बंद कराने और जाम लगाने वालों पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। नालंदा के राजगीर और हिलसा में वाहन नहीं चले। बक्सर में जुलूस निकाल राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई। सिïïवान में सड़क यातायात प्रभावित हुआ। रोहतास में करीब एक घंटे तक पुराना जीटी रोड जाम रहा। विद्यार्थी परिषद के 22 कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी।

मुजफ्फरपुर परिक्षेत्र : चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच तकरीबन ढाई दर्जन बंद समर्थक हिरासत में लिए गए। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न जगहों पर सड़क जाम कर आवागमन को घंटों अवरुद्ध कर दिया। मुजफ्फरपुर में बिहार विश्वविद्यालय के कार्यालय को जबरन बंद करा दिया। रेलवे स्टेशन पर वैशाली एक्सप्रेस को करीब एक घंटे तक रोक दिया। मधुबनी में जुलूस निकालकर जगह-जगह सड़क जाम किया। इस दौरान दो दर्जन से अधिक बंद समर्थक हिरासत में लिए गए। सीतामढ़ी व समस्तीपुर में भी कार्यकर्ताओं ने शैक्षणिक संस्थानों और बाजार को बंद कराया। बगहा, बेतिया, मोतिहारी, दरभंगा में बंद का कुछ खास असर नहीं दिखा।

भागलपुर परिक्षेत्र : भागलपुर परिक्षेत्र में सुबह होते ही बंद समर्थक सड़कों पर उतर आए। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। युवा शक्ति के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। अररिया और खगडिय़ा में एनएच को जाम किया गया। कटिहार में सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों एवं बैंकों में आम दिनों की तरह काम-काज होता रहा। फारबिसगंज में छात्रों ने कटिहार से जोगबनी जाने वाली ट्रेन रोक दी। मधेपुरा में बंद का कोई खास असर नहीं देखा गया, लेकिन जमुई में यह प्रभावी रहा। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने झाझा व गिद्धौर में बीईओ कार्यालय पर ताला जड़ दिया। खैरा में विद्यार्थी परिषद के समर्थकों ने स्थानीय लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। सुपौल में बंद का मिला-जुला असर रहा। सुबह दो घंटे के बाद बंद समर्थक सड़क पर नहीं दिखे। लखीसराय में दानापुर-साहेबगंज इंटरसिटी एक्सप्रेस और भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के परिचालन में बाधा खड़ी की गई। यहां दुकानों को जबरन बंद कराया गया। इस दौरान छात्रों ने एक पिकअप वैन सहित कई वाहनों के शीशे भी तोड़े। पूर्णिया, किशनगंज, मुंगेर आदि में भी बंद का कमोबेश असर रहा।


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