आयु और संपत्ति के ब्योरे में उलझे मुख्यमंत्री
आयु और संपत्ति का तेरह माह में तीन तरह का ब्योरा देने के विवाद में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उलझ गए हैं। इससे विपक्ष को बैठे-बैठे मुख्यमंत्री पर हमला बोलने का मौका मिल गया है।
पटना। आयु और संपत्ति का तेरह माह में तीन तरह का ब्योरा देने के विवाद में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उलझ गए हैं। इससे विपक्ष को बैठे-बैठे मुख्यमंत्री पर हमला बोलने का मौका मिल गया है। जदयू के विक्षुब्ध खेमे को भी मुख्यमंत्री का विरोध करने का मौका मिल गया है। हालांकि पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने मामले पर चुप्पी साध ली है।
इस बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लोकसभा चुनाव के समय दिए गए शपथ पत्र को सही करार दिया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने पिछले साल गया से लोकसभा चुनाव लडऩे के दौरान चुनाव आयोग को गया में पांच एकड़ कृषि योग्य जमीन और 2500 वर्ग फीट में मकान होने का शपथपत्र दिया था। जबकि, विधानसभा चुनाव के समय अपने नाम पर कोई मकान और जमीन नहीं होने की जानकारी दी थी। उन्होंने 31 दिसंबर को दिए गए संपत्ति के ब्योरा में अपने नाम पर मकान एवं जमीन नहीं होने की जानकारी दी थी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के समय दिए गए शपथपत्र में जन्मतिथि में अंतर है। गलत शपथ पत्र देने का मामला मीडिया में आने पर रविवार को मुख्यमंत्री ने एसकेएम हॉल में आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कहा कि लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को दिया गया शपथपत्र ही सही है।
बता दें कि भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री के अपनी संपत्ति और गलत जानकारी देने का मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि सीएम ने एक साल में तीन अलग अलग जानकारियां दी है। वर्ष 2013 में पांच एकड़ जमीन होने की जानकारी दी जबकि 2014 के हलफनामा में ऐसा नहीं था। इसी तरह 2013 में अपनी उम्र 69 बताई जबकि 2014 में उन्होंने अपनी उम्र 68 साल बताई है। मोदी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया था कि वह बताएं सच क्या है?
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने जानकारी न होने की बात कह कर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया, जबकि प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा मुख्यमंत्री ने जो जानकारी दी है उसमें विषमता चिंता का विषय है।