बिहार में नौकरी का हाल : 20 साल पहले हुए थे सफल, अब नियुक्ति की जगी आस
पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 1995 में प्रकाशित विज्ञापन से राजकीयकृत एवं परियोजना उच्च विद्यालयों में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त करने का आदेश दे दिया है।
पटना। एक दो नहीं बल्कि पन्द्रह से भी अधिक सालों तक सरकार से संघर्ष करने के बाद अंतत शिक्षक पद के दावेदार तकरीबन पौने दो सौ लोगों के लिए नौकरी के दरवाजे खुल गए हैं। पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 1995 में प्रकाशित विज्ञापन से राजकीयकृत एवं परियोजना उच्च विद्यालयों में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त करने का आदेश दे दिया है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने तकरीबन बीस वर्ष पहले बिहार विद्यालय सेवा बोर्ड की ओर से जीव विज्ञान एवं गणित विज्ञान विषयों के सहायक शिक्षक नियुक्ति का विज्ञापन निकाला गया था।
नियुक्त किए जाने वाले सहायक शिक्षकों को राजकीयकृत एवं परियोजना उच्च विद्यालयों में सेवा देनी थी। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने आयोजित परीक्षा में पास होने वाले लोगों का एक पैनल गठित किया। जिसमें से बाद में अधिकांश लोगों को नियुक्त कर दिया गया।
परन्तु जीव विज्ञान के सौ और गणित विज्ञान के 81 पदों के विरूद्ध अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो सकी। बाद में इनमें से कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली। समय के साथ मामला आगे बढ़ता गया और देखते देखते कई वर्ष बीत गए।
सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष पटना हाईकोर्ट में इस मामले की एमजेसी संख्या 1376/2015 की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शेष बचे अभ्यर्थियों को भी सेवा में बहाल किए जाने का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट के आदेश के आलोक में अब सरकार ने शेष बचे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
विभाग ने अपनी आधिकारिक जानकारी में बताया कि अभ्यर्थियों को 12 से 23 दिसंबर के बीच प्रमाणपत्र जांच के लिए लिखा गया है। अलग-अलग तिथियों में आयोजित प्रमाणपत्र जांच के बाद सरकार इन्हें नियुक्ति पत्र सौंप देगी।
यहां बता दें कि जीव विज्ञान विषय के लिए 14 दिसंबर, 16 दिसंबर और 18 दिसंबर का समय निर्धारित प्रमाण पत्र जांच के लिए निर्धारित किया गया है। इसके बाद 21 और 23 दिसंबर को गणित विज्ञान विषय के शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणत्रों की जांच होगी।
जांच के लिए अभ्यर्थियों को माध्यमिक शिक्षा कार्यालय बुद्ध मार्ग स्थित कार्यालय में बुलाया गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि जो अभ्यर्थी प्रमाणपत्र जांच के दौरान मौजूद नहीं रहेंगे उनकी नियुक्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।