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गुमशुदगी के आवेदन पर सुनवाई न करने पर एएसआइ सस्पेंड

'कितनी उम्र है। भाग गया होगा, लड़का/लड़की के साथ और चल गया होगा कोई दोस्त-यार के पास।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 May 2017 03:06 AM (IST)Updated: Mon, 01 May 2017 03:06 AM (IST)
गुमशुदगी के आवेदन पर सुनवाई न करने पर एएसआइ सस्पेंड
गुमशुदगी के आवेदन पर सुनवाई न करने पर एएसआइ सस्पेंड

पटना। 'कितनी उम्र है। भाग गया होगा, लड़का/लड़की के साथ और चल गया होगा कोई दोस्त-यार के पास। स्थिर से रहो। आ जाएगा। चलो भागो।' थाने में गुमशुदगी का आवेदन लेकर कोई जाए तो वहां का मुंशी अक्सर ऐसी बात कहकर टाल देता है। इसके प्रमाण कई बार मिले हैं। रविवार की भोर में भी इसी की बानगी देखने को मिली। ऐसी ही हरकत दीघा थाने के एएसआइ दिलीप कुमार सिंह ने की, जिसे पुलिस कप्तान मनु महाराज से निलंबित कर दिया। उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

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हुआ यूं कि कोतवाली डीएसपी डॉ. मो. शिब्ली नोमानी रविवार की सुबह छह बजे गश्त कर रहे थे। अचानक वह बुद्धा कॉलोनी थाने पर पहुंच गए। वह थाने का निरीक्षण कर रहे थे, तभी उनकी नजर दो महिलाओं पर पड़ी जो गेट के बाहर खड़ी थी। उन्होंने दोनों को बुलाया और माजरा पूछा। एक महिला ने अपनी पहचान दीघा रेलवे लाइन के पास रहने वाली उर्मिला मांझी के रूप में दी और बताया कि उसका बेटा राजू मांझी शनिवार से रहस्यमय हालात में गायब है। वह थाने पर गई थी, जहां बैठे अफसर ने उसका आवेदन तो ले लिया पर कोई कार्रवाई नहीं की और डांट-फटकार कर भगा दिया। इतना सुनते ही डीएसपी ने दीघा थानेदार गोल्डन कुमार को कॉल लगाई और पूछा, कार्रवाई क्यों नहीं हुई? थानेदार ने घटना से अनभिज्ञता जताई। इसके बाद डीएसपी दोनों महिलाओं को अपनी जिप्सी में बैठकर थाने लाए। संयोग से आरोपित एएसआइ दिलीप कुमार सिंह भी वहां मौजूद थे। महिला ने उसकी पहचान की। हैरानी की बात है कि एएसआइ ने उसके आवेदन को कचरे में फेंक दिया था। तहरीर के साथ महिला ने गुमशुदा बेटे की तस्वीर भी लगाई थी। नियमानुसार एएसआइ को घटना की जानकारी थानाध्यक्ष व वरीय पदाधिकारियों को देनी चाहिए थी और वायरलेस पर मैसेज भी फ्लैश कराना चाहिए था। लेकिन उसने कुछ नहीं किया। जब एएसआइ से सवाल किए गए तो वह बोला - सर, गरीब आदमी है। कहां जाएगा, लौट आएगा। ई लोग का तो आदत है थाना आकर गोतिया को फंसाने के लिए आवेदन दे देता है। उसका जवाब सुनकर डीएसपी दंग रह गए। उन्होंने एएसआइ को जमकर फटकार लगाई और एसएसपी को इसकी सूचना दी।

दरअसल, एएसआइ दिलीप कुमार सिंह वर्ष 2012 से दीघा थाने में टिका है। वह मुंशी था। पीटीसी पास करने के बाद एएसआइ हुआ, लेकिन पैरवी लगाकर उसी थाने में जमा रहा।


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