आरक्षण को लेकर BJP की दृष्टि साफ, नहीं होगा कोई परिवर्तन : अमित शाह
नीतीश सरकार ने कोई काम नहीं किया। भाजपा का एकमात्र मुद्दा विकास है। आरक्षण को लेकर बीजेपी की दृष्टि साफ है। आरक्षण व्यवस्था में बीजेपी कोई परिवर्तन नहीं करेगी। ये बातें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज पटना में संवाददाता सम्मेलन में कही।
पटना। नीतीश सरकार ने कोई काम नहीं किया। भाजपा का एकमात्र मुद्दा विकास है। आरक्षण को लेकर पार्टी की दृष्टि साफ है। आरक्षण व्यवस्था में भाजपा कोई परिवर्तन नहीं करेगी। ये बातें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज पटना में संवाददाता सम्मेलन में कही।
अमित शाह ने कहा कि बिहार का चुनाव अगड़ा-पिछड़ा के मुद्दे पर नहीं, बल्कि विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस चुनाव को अगड़ा बनाम पिछड़ा बनाने की कोशिश कर रहे है, लेकिन शायद वे भूल रहे हैं कि यह 1990 का नहीं, 2015 का बिहार है। 25 सालों में गंगा में बहुत पानी बह चुका है।
शाह ने कहा कि 1990 के सामाजिक न्याय आंदोलन के बाद पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, दलित और महादलितों में अब विकास की भूख जग गई है। थोथी दलीलों से अब उनका पेट भरने वाला नहीं है। बिहार में 65 साल तक कांग्रेस, लालू और नीतीश का राज रहा। फिर भी यहां के पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, दलित और महादलित वर्ग की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
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उन्होंने कहा, हकीकत तो यह है कि उनकी स्थिति पहले से भी बदतर होती गई। यही कारण है भाजपा यह चुनाव सिर्फ विकास के मुद्दे पर केंद्रित रखना चाहती है। महागठबंधन के नेता चुनाव को विकास और जंगलराज की वापसी के मुद्दे से भटकाना चाहते हैं। यही वजह है कि लालू आरक्षण के मुद्दे पर जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे हैं।
संघ के विचारों से सहमति
बकौल शाह, भाजपा वर्तमान आरक्षण व्यवस्था का समर्थन करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता है। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने भी कभी यह नहीं कहा कि आरक्षण को खत्म कर देना चाहिए।
अमित शाह ने स्पष्ट किया, भागवत ने वंचित वर्गों को आरक्षण का ज्यादा से ज्यादा कैसे लाभ दिलाया जाए इसकी समीक्षा की बात कही है। यह बात संविधान में भी स्पष्ट है। उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। संघ की ओर से इस पर स्पष्टीकरण भी आ चुका है।
एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि आरक्षण के सवाल पर संघ और भाजपा के स्टैंड में कोई विरोधाभास नहीं है।
पिछड़ों-दलितों को तरजीह
उन्होंने कहा कि भाजपा ही वह पार्टी है जिसने एक गरीब चाय बेचने वाले के बेटे को प्रधानमंत्री बनाया। कई राज्यों में पिछड़े और अत्यंत पिछड़े समाज से आने वालों को मुख्यमंत्री बनाया। बिहार में भी सर्वाधिक टिकट हमने पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, दलित और महादलित समाज के लोगों को दिए हैं। फिर भी हमने चुनाव में इसे मुद्दा नहीं बनाया है।
कांग्रेस-नीतीश पर कटाक्ष
शाह ने साफ शब्दों में कहा कि गरीबी और बदहाली के कारण बिहार के लोगों को दवाई, पढ़ाई और कमाई के लिए बाहर जाना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के लोगों को इस स्थिति से उबारना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने बिहार के विकास के लिए एक लाख 65 हजार करोड़ का पैकेज दिया है।
शाह ने कहा, हमारे ऊपर आरोप लगता है कि इस पैकेज में नया नहीं है। उन्होंने कहा कि गंगा पर अगर पुल बनना था और वह नहीं बना तो इसके लिए क्या हम दोषी है? नीतीश कुमार अपने सहयोगी कांग्रेस से सवाल क्यों नहीं पूछते जो इसके लिए वह जिम्मेदार है।
चुनाव में जीत का दावा
शाह ने कहा कि पहले दो चरण के चुनावों में राजग के प्रति स्पष्ट रुझान दिखाई पड़ा है। रविवार रात सहयोगी दलों से बैठक के बाद आगे के तीन चरणों की रणनीति पर हमने विचार किया है। पहले चरण के चुनाव में राजग को 32 से 34 और दूसरे चरण के मतदान में 22 से 24 सीटें मिलने जा रही हैं। आगे के तीन चरणों में भी भारी मतदान करके जनता भाजपा के नेतृत्व में राजग को सरकार बनाने का एक मौका अवश्य देगी।