VIDEO : लालू के बीफ वाले बयान पर चुप क्यों हैं नीतीश-राहुल : अमित शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और नीतीश कुमार को गाय-बकरे के मांस में अंतर का पता नहीं है क्या? लालू प्रसाद के बीफ पर बयान के बाद ये दोनों चुप क्यों हैं?
जागरण टीम, पटना। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और नीतीश कुमार को गाय-बकरे के मांस में अंतर का पता नहीं है क्या? लालू प्रसाद के बीफ पर बयान के बाद ये दोनों चुप क्यों हैं? गो माता की पूजा होती है। नीतीश और राहुल इस पर स्टैंड करें कि वे लालू के बयान से सहमत हैं।
बुधवार को शेखपुरा, परबत्ता, सूर्यगढ़ा और सरायरंजन में आयोजित जनसभाओं में उन्होंने कहा कि मैंने जनता का मूड देखा है। बिहार में दो तिहाई बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी। जनता को भ्रष्टाचार व जंगलराज नहीं चाहिए। लोग कांग्रेस के वर्षों के भ्रष्टाचार व लालू-राबड़ी के 15 वर्षो के जंगलराज को झेल चुके हैं।
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ने जनादेश को तोडऩे का काम किया है। भाजपा ने बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलाने के लिए बहुत परिश्रम किया। नीतीश कुमार को साथ लेकर व समर्थन देकर सीएम बनाया। बिहार के विकास को गति मिली थी कि नीतीश ने बीच में धोखा दे दिया।
शाह ने कहा कि भाजपा आरक्षण का समर्थन करती है। आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए। सूबे के विकास को पांच साल के लिए हमें मौका चाहिए। बिहार के विकास के लिए सवा लाख करोड़ तथा चालू योजनाओं के लिए जो 40 हजार करोड़ दिए गए। भाजपा ने कोई कृपा नहीं की है, यह बिहार की जनता का अधिकार है।
कहा, यदि नीतीश फिर से सत्ता में आ जाएंगे तो वे बिहार का विकास नहीं करने देंगे। शाह ने लोगों को लालू-नीतीश के बेमेल गठबंधन से सावधान करते हुए कहा कि हमें पांच साल का मौका दें, बिहार को देश का नंबर वन स्टेट बनाएंगें।
कहा कि पिछले 25 सालों में देश के कई राज्य विकास में कितना आगे निकल गए। मगर बिहार की दशा नहीं बदली। 1975 में कांग्रेस के खिलाफ समूचे देश में मचे कोहराम की कोख से नीतीश तथा लालू का राजनीतिक जन्म हुआ था। बाद में यही नीतीश बिहार में जंगल राज की बात कहकर लालू से अलग हुए अब ये तीनों एक होकर बिहार की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं।
शाह ने कहा कि बिहार की जनता विकास चाहती है, रोजगार चाहती है, बिजली चाहती है, सुरक्षा चाहती है, विकास चाहती है। लेकिन, यह महागठबंधन की सरकार ये सब नहीं दे सकती। एनडीए ही ऐसा कर सकती है।