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हंगामे की भेंट चढ़ा बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र का दूसरा दिन

बिहार विधानमंडल के माॅनसून सत्र का दूसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। हंगामे के कारण विधानसभा में पहली पाली को रद कर देना पड़ा। विधान परिषद में भी जमकर हंगामा हुआ।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 10:55 PM (IST)
हंगामे की भेंट चढ़ा बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र का दूसरा दिन

पटना। बिहार विधानमंडल के दानों सदनों में मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विधि-व्यवस्था के मसले पर हंगामा हो गया। विधानसभा की कार्यवाही तो महज एक मिनट के अंदर ही दोपहर तक के लिए समाप्त कर दी गई। विपक्षी सभा के दूसरे विधायी कार्य रोक कर सूबे की बिगड़ती विधि व्यवस्था पर बहस और सरकार का पक्ष जानना चाहते थे। उधर, विधान परिषद में भी खूब हंगामा हुआ।

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विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार की सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने प्रदेश में लगातार बढ़ती आपराधिक वारदातों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया।

इस दौरान भाजपा के तमाम सदस्य हाथों में प्ले कार्ड लेकर वेल में आ गए। हंगामे को देख विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन के बाद अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि भाजपा-जदयू गठबंधन टूटने के बाद से प्रदेश में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। राजद से दोस्ती की वजह से सरकार अपराधियों के खिलाफ नरम रवैया अपनाने पर मजबूर है।

उन्होंने कहा कि सुशासन और कानून का राज स्थापित करने का दावा करने वाले नीतीश कुमार दोबारा सत्ता में आने को इतना बेचैन हैं कि अपराधियों पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सूबे में हत्या, दुष्कर्म, लूट और डकैती की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपराधियों के बढ़े मनोबल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस की गोली से मरने वाले अपराधी आज पुलिस को ही अपना निशाना बना रहे हैं।

उन्होंने तमाम जिलों में बढ़ते अपराध का रिकॉर्ड गिनाते हुए कहा कि ऐसे तमाम मसलों पर बहस के लिए भाजपा सदस्य जवाहर प्रसाद, संजय सिंह टाइगर, सुरेश मेहता और उषा विद्यार्थी ने सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था। परन्तु सदन की ओर से इस संबंध में कोई निर्देशन नहीं आया।

नेता प्रतिपक्ष ने सदन न चलने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी बताया और कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि सदन चले। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सदन चले यह जिम्मेदारी सतारूढ़ दल की है। कार्य मंत्रणा की बैठक बुलाएं। जनहित से जुड़े मद्दों पर पर विचार हो।

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जदयू के बागी भी नजर आए भाजपा के साथ

जनता दल यू के बागी विधायक वैसे तो अभी तक जेडीयू के ही सदस्य हैं, लेकिन सरकार से उनके मतभेद कितने गहरे हैं इसकी बानगी मंगलवार को बिहार विधानसभा में दिखाई पड़ी। सदन में भाजपा जिस वक्त सूबे की विधि-व्यवस्था को लेकर वेल में आकर हंगामा कर रही थी, उस वक्त जेडीयू के बागी विधायक भी सरकार के विरोध में वेल में खड़े थे।

इस मसले पर नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव की सदन के बाहर टिप्पणी थी कि फिलहाल तो बागी जेडीयू के सदस्य हैं, जिस दिन वे भाजपा में शामिल हो जाएंगे, हम उन्हें अपने ही साथ मानेंगे।

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हंगामे की भेंट चढ़ी परिषद की कार्यवाही

विधान परिषद की कार्यवाही मंगलवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। सदन की कार्यवाही अंतराल से पहले पांच मिनट व अंतराल के बाद मात्र एक मिनट तक चली। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने हंगामा देख सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य खगडिय़ा व सासाराम की घटना पर कार्यस्थगन स्वीकृत करने की मांग को लेकर पोस्टर लिए वेल में आ गए। सभापति ने अनुरोध पर थोड़ी देर के लिए वेल में नारेबाजी कर विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर चले गए। इस बीच सभापति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा डॉ. रामबचन राय को सदन में सत्तारूढ़ दल का उपनेता व रीना यादव को सचेतक मनोनीत करने की घोषणा की। उन्होंने सदन को सूचित किया कि सुशील कुमार मोदी ने रजनीश कुमार को भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। सभापति ने इसकी मान्यता प्रदान की।

संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने रामबचन राय को उप नेता के स्थान पर बैठाया। इसके बाद विपक्षी सदस्य पुन: वेल में आकर प्रशासन को पूरी तरह से पंगू बताते हु़ए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सभापति ने पांच मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही अंतराल तक के लिए स्थगित कर दी। अंतराल के बाद भी विपक्षी सदन वेल में आकर हंगामा करने लगे तो सभापति ने एक मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।


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