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बिहार के स्कूल ने बच्चों को बांट दिया, जाति-धर्म के आधार पर बना दिए सेक्शन

बिहार के हाजीपुर जिले के लालगंज में एक एेसा स्कूल है, जहां जाति और धर्म के आधार पर बच्चों को बांट दिया जाता है। धर्म विशेष और जाति विशेष के लिए अलग-अलग कक्षाए हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 09:23 AM (IST)
बिहार के स्कूल ने बच्चों को बांट दिया, जाति-धर्म के आधार पर बना दिए सेक्शन
बिहार के स्कूल ने बच्चों को बांट दिया, जाति-धर्म के आधार पर बना दिए सेक्शन

वैशाली, जेएनएन। जाति-धर्म के आधार पर तो आपने बहुत कुछ बांटने की बात सुनी होगी।लेकिन, क्या   आपने ये सुना है कि स्कूल में जाति और धर्म के आधार पर छात्रों को पढ़ाया जाता हो? क्लासरूम अलग-अलग हो? नहीं ना...लेकिन, बिहार में एक सरकारी स्कूल है जहां छात्र घर से स्कूल तक साथ आते हैं। स्कूल में घुसते ही बांट दिए जाते हैं। पढ़ाई के बाद फिर घर साथ जाते हैं। 

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ये सरकारी स्कूल हाजीपुर के लालगंज प्रखंड क्षेत्र में है जहां छात्र-छात्राओं को स्कूल द्वारा जाति और धर्म के आधार पर अलग-अलग बैठाया जाता है। यह स्कूल है-जीए उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालगंज में। इस स्कूल में दोनों सम्प्रदाय के बच्चों के लिए अलग-अलग क्लास रूम है तो अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग के ए वन एवं टू के बच्चों को अलग-अलग सेक्शनों में बांट कर पढ़ाया जाता है। छात्रों के रजिस्टर तक जाति और धर्म के आधार पर अलग-अलग बनाए गए हैं।

वहीं अनुसूचित जाति और मुस्लिम छात्र-छात्राएं दूसरी जाति के छात्रों के क्लास रूम में नहीं जाते हैं। वह भी आज से नहीं बल्कि पिछले चार सालों से। इस पर किसी प्रशासनिक पदाधिकारी का ध्यान नहीं जाना आश्चर्यजनक है। स्कूल प्रबंधन के इस कृत्य पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों का ध्यान नहीं होना भी मामले को और गंभीर कर देता है।

प्रधानाध्यापिका मीणा कुमारी की मानें तो नौंवी कक्षा में कुल 770 छात्र छात्राएं नामांकित हैं जिन्हें छह सेक्शनों में बांट कर पढ़ाया जाता है। वहीं प्रत्येक सेक्शन को दो भागों में 70- 70 की छात्र संख्या में वन व टू में बांटा गया है। इनके रजिस्टर दो हैं। परंतु दोनों एक ही सेक्शन हैं एवं एक ही क्लास में बैठते हैं। यानी नौवीं एवं व नौवीं एटू।  

नौवीं ए वन  में केवल अल्पसंख्यक छात्राएं, एटू केवल अल्पसंख्यक छात्र, बी वन केवल अत्यंत पिछड़ा वर्ग की छात्राएं, बी टू में केवल अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र, डी वन में केवल अनुसूचित वर्ग की छात्राएं, डी टू में केवल एससी एसटी के छात्र आदि।

कहा- प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने-

इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीणा कुमारी का कहना है कि ऐसा हमने स्कूल के बच्चों की पढ़ाई में सुविधा एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में सहूलियत के ख्याल से किया है। इसका कहीं से कोई विरोध नहीं है। बच्चों के साथ जातिगत कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।

प्रभारी प्रधानाध्यापिका, मीणा कुमारी  

कहा-प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने 

इस सम्बन्ध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरविन्द कुमार तिवारी ने कहा कि उनके पास यह मामला आया है। उन्होंने स्कूल की इन्क्वायरी की है। प्रथम ²ष्टया मामला सत्य प्रतीत होता है। इसकी जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित रूप से दे दी गई है। 

-अरविंद कुमार तिवारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, लालगंज

कहा-बिहार के शिक्षामंत्री ने..

अगर किसी विद्यालय में ऐसी व्यवस्था है, तो यह गलत है. जाति के आधार पर बच्चों को वर्गों में बांटा जाना गलत है. इसकी जांच करायी जायेगी. दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

-कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, शिक्षा मंत्री


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