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प्रेमी ने प्रेमिका के कत्ल की एेसी प्लानिंग की, देखकर पुलिस के उड़े होश

एक प्रेमी ने पहले प्रेमिका को शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया फिर शादी का दबाव बनाने पर उसे बेहोश कर चलती ट्रेन के सामने फेंक दिया ताकि पुलिस इसे आत्महत्या समझे, लेकिन पकड़ा गया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 01 May 2017 09:05 AM (IST)Updated: Mon, 01 May 2017 10:28 PM (IST)
प्रेमी ने प्रेमिका के कत्ल की एेसी प्लानिंग की, देखकर पुलिस के उड़े होश
प्रेमी ने प्रेमिका के कत्ल की एेसी प्लानिंग की, देखकर पुलिस के उड़े होश

पटना [जेएनएन]। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर प्रेमी ने प्रेमिका का तीन साल तक यौन शोषण किया। जब लड़की ने शादी करने का दबाव बनाया तो एेसी तरकीब लगाकर उसकी हत्या की जिससे पुलिस भी अचंभित है। लेकिन हत्यारे प्रेमी ने एक गलती कर दी जिससे पकड़ा गया। पैसे के लालच में की गई हत्या की कहानी गढ़ने वाले की दाद देनी होगी।

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हत्यारे ने बस, एक गलती कर दी कि लड़की की मौत का इंश्योरेंस का क्लेम लेना चाह रहा था। पुलिस जांच के दौरान हत्या के आरोपित  गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के यारपुर के रहने वाले रविशंकर अकेला को शनिवार को रेल पुलिस ने दबोच लिया।  

पहले ही बना चुका था हत्या की योजना 

रविशंकर मनोरमा की हत्या की योजना भी वह काफी पहले बना चुका था। उसने पहले युवती नाम से ढाई लाख का बीमा कराया और उसका नॉमिनी स्वयं बन गया। 

पहले से शादीशुदा है आरोपित 

मनोरमा को रविशंकर पत्नी की रखता था। वह पहले से ही शादीशुदा और उसे बच्चे भी हैं। मनोरमा से उसने नौकरी के नाम पर दाउदनगर के मकान को भी बेचवा दिया था और साढ़े दस लाख रुपये ठग लिए थे। 

ऐसे दिया घटना को अंजाम 

रविशंकर ने पुलिस का बताया कि 10 मार्च को उसने मनोरमा के नाम से पटना से धनबाद का स्लीपर में प्रतीक्षा सूची का टिकट कटाया था। 10 की रात में को उसने शादी के नाम पर पहले मनोरमा को नशीली दवा मिला लड्डू खिलाया। उसके बाद उसे पैदल ही सिपारा की ओर रेलवे ट्रैक की ओर ले गया।

इसके बाद उसने पीछे से ट्रेन आते देख बेसुध मनोरमा को ट्रैक पर लिटा दिया और झाड़ी में छिप गया। उसकी आंखों के सामने ही मनोरमा ट्रेन से कटकर मर गई। 

हत्या के बाद मनोरमा की बहन को किया फोन 

दूसरे दिन 11 मार्च को स्टेशन प्रबंधक ने जीआरपी को रेलवे ट्रैक पर शव पड़ा होने की सूचना दी। पुलिस ने शव को बरामद कर यूडी केस दर्ज कर लिया। अब रवि बीमा की राशि हड़पना चाह रहा था। पहले तो उसने खुद ही कल्याण विभाग का अधिकारी बन धनबाद में मनोरमा की बहन को फोन कर पूछा कि वह धनबाद पहुंची या नहीं?

फिर मनोरमा के पिता जनेश्वर भगत के नाम से रेल एसपी के पास पत्र भेजकर मनोरमा के धनबाद आने के क्रम में ट्रेन से गायब की होने की सूचना दी। पुलिस पर कई स्रोत से अनुसंधान का दबाव बनाने लगा। 

इंश्योरेंस क्लेम जांच में पकड़ा गया 

रेल पुलिस ने मनोरमा मामले को आत्महत्या मान इसकी फाइल को बंद करने जा रही थी, लेकिन रविशंकर ने बीमा की राशि को हड़पने के लिए उसने पुलिसिया जांच में तेजी करने का दबाव भी बनाया। रेल पुलिस ने जब तकनीकी रूप से अनुसंधान शुरू किया तो सच सामने आ गया और उसे दबोच लिया। 

कई बैंकों की पासबुक, 11 एटीएम, चेकबुक जब्त

उसके घर से 20 अलग-अलग बैंकों के पासबुक, 11 एटीएम, 25 चेकबुक समेत कई सामान पत्र व अन्य सामान बरामद किया गया है।

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व्यापारी से मांगी थी तीन करोड़ रगदारी

एसपी रेल जितेन्द्र मिश्र ने बताया कि गिरफ्तार युवक काफी शातिर है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उसने बताया कि वह रुपसपुर थाना क्षेत्र में एक व्यापारी से तीन करोड़ की रंगदारी मांगी थी। इस मामले में रुपसपुर थाने में मामला भी दर्ज किया गया है।

रुपसपुर पुलिस की नजर में वह फरार था। रंगदारी की मांग भी उसने मनोरमा के नाम से लिए गए सिमकार्ड से ही किया था। इसके अलावा वह सचिवालय थाने में दर्ज एक मामले में जेल की हवा भी खा चुका है। 

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मोबाइल टावर लगाने के नाम से भी की ठगी

रेल एसपी ने बताया कि रवि ने कई लोगों से टावर लगवाने के नाम पर करोड़ों की राशि की ठगी कर चुका है। अभी तक उसने तीन-चार लोगों से लगभग तीन लाख रुपये ठगी किए जाने की बात को स्वीकार किया है। 

ऐसे हुआ खुलासा

रेल एसपी ने डीएसपी हरीश शर्मा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर इस मामले का अनुसंधान करने का दायित्व सौंप दिया। अनुसंधान के क्रम में पता चला कि मनोरमा की सबसे अधिक बातचीत रविशंकर, प्रवीण राज एवं ईश्वरचंद्र से हुई। पुलिस ने पहले रवि को दबोचा।

रवि के घर से 20 बैंकों के पासबुक, 10 एटीएम, 5 मोबाइल एवं 25 चेक बुक बरामद किए गए। पूछताछ और जांच में साफ हुआ कि रविशंकर प्रवीण व ईश्वर नाम से अपने काले कारनामों को अंजाम देता था। वह गया जिले के खिजरसराय थाना क्षेत्र के पुरान गांव का निवासी है। अभी पूछताछ जारी है। उसके पिता बरौनी रेलवे में वरिष्ठ कर्मचारी हैं। 


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