Rupesh Murder: रूपेश की हत्या मामले में गुजरात से ठीकेदार को पूछताछ के लिए बिहार लाई एसआइटी
Rupesh Murder Case बिहार के इस ठेकेदार का अपराध से पुराना नाता दूसरी बार बिल्डर से भी पूछताछ हुई बाहर भेजी गईं हैं तीन टीमें 650 मोबाइल नंबरों का डिटेल खंगाल चुकी है पुलिस जल्द हो सकता पर्दाफाश जुड़ने लगीं कड़ियां
पटना, जागरण संवाददाता। Rupesh Murder Case: इंडिगो के पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी एसआइटी (Bihar SIT) की जांच टेंडर और बिल्डर पर अटक गई है। एसआइटी की एक टीम ने गुजरात के सूरत (Surat in Gujarat) में भी छापेमारी की। वहां से पूर्व में अपराधी रहे एक ठीकेदार (Contractor) को पकड़कर पुलिस पटना लेकर आई है। वह अपराध की दुनिया को छोड़ ठीकेदारी कर रहा है। पटना के साथ ही वह सूरत में भी ठीकेदारी करता है। एसआइटी के हाथ कुछ ऐसे साक्ष्य लगे है, जिससे पुराने अपराधियों की कुंडली भी एसआइटी खंगालने लगी है। हालांकि पुलिस अधिकारी कुछ भी बाेलने से बच रहे हैं।
बिल्डर से कई घंटे तक पूछताछ
शुक्रवार को बिल्डर से कई घंटे तक पूछताछ हुई। पूर्व में भी बिल्डर से हुई पूछताछ के दौरान दिए गए बयान से अंतर मिलने के बाद पुलिस का शक गहरा हो गया है। इसके बाद एसआइटी की तीन टीमें पटना से बाहर भेजी गईं, जो छापेमारी में जुटी हैं। बिल्डर का कनेक्शन टेंडर से जोड़ते हुए एसआइटी ठोस साक्ष्य जुटाने के लिए बाहर गई हुई है। हत्याकांड की कडिय़ां भी अब जुड़ने लगी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही एसआइटी कांड का पर्दाफाश कर सकती है।
650 से अधिक नंबरों की डिटेल को एसआइटी ने खंगाला
एसआइटी से जुड़े सूत्रों की मानें तो एसआइटी की तकनीकी सेल अब तक 650 से अधिक मोबाइल नंबरों के डिटेल खंगाल चुकी है। इनमें अधिकांश ऐसे नंबर मिले हैं, जिनसे रूपेश की सामान्य तौर पर बातें होती रहती थीं। इनमें से कुछ नंबर ऐसे व्यक्तियों के हैं जिनकी पीएचईडी एवं पथ निर्माण विभाग में भी अच्छी पैठ है। वहीं बिल्डर के एक रिश्तेदार से भी रूपेश की लंबी बातचीत की जानकारी सामने आ रही है। इसके आधार पर एसआइटी बिल्डर को थाने पर बुलाकर पूछताछ कर रही है। हालांकि अधिकारी अभी टेंडर विवाद में ही उलझे हैं।
दो जिलों में दबिश दे रहीं पुलिस की तीन टीमें
एसआइटी की तीन टीमें दो संदिग्ध नंबरों का लोकेशन निकाल दो जिलों में दबिश दे रही हैं। सूत्रों की मानें तो एक नंबर ऐसा है, जो घटनास्थल पर टावर डंप डाटा निकालने के दौरान पुलिस के हाथ लगा था। यह घटना के पहले एक्टिव था, लेकिन वारदात के बाद से बंद आ रहा है। पुलिस ने इस नंबर का सीडीआर निकाला तो पांच अन्य संदिग्ध नंबर मिले जिनसे चंद मिनट की बातचीत है और वह नंबर पटना के बाहर का है। पुलिस छपरा और गोपालगंज से लेकर सीतामढ़ी और बेगूसराय में तीसरी बार छापेमारी करने पहुंची है।
रूपेश के हर परिचित से पूछताछ
हत्याकांड के बाद से एसआइटी लगातार 10 दिनों से काम कर रही है। एसएसपी खुद हर घंटे केस की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। यहां तक कि थाने के सब काम छोड़ पुलिस रूपेश हत्याकांड के पर्दाफाश में जुटी है। एसआइटी रूपेश के सभी करीबियों से लेकर परिचितों से पूछताछ कर चुकी है। यहां तक कि वारदात के एक दिन पहले उनके नंबर पर जितने लोगों के फोन आये या उन्होंने जिनसे भी बात की उन सभी से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। एसआइटी के एक अधिकारी की मानें तो कई बार ऐसा हुआ कि लगा कि केस सुलझ रहा है, लेकिन साक्ष्य ऐसे नहीं मिल रहे जिससे किसी की गिरफ्तारी की जाए।