BN कॉलेज के बाद कॉमर्स कॉलेज पर नैक ने लगाया एक साल का प्रतिबंध, ये है वजह Patna News
वाणिज्य महाविद्यालय को भी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने एक साल तक मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
पटना, जेएनएन। राजधानी के एक और कॉलेज पर गाज गिरी है। पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज के बाद वाणिज्य महाविद्यालय को भी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने एक साल तक मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। नैक सूत्रों के अनुसार वाणिज्य महाविद्यालय ने सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट (एसएसआर) जमा करने के बाद निर्धारित प्रक्रिया को पूरा नहीं की।
एसएसआर से संबंधित प्रश्नों पर महाविद्यालय ने किसी तरह की प्रक्रिया नहीं दी। इसके आधार पर नियमानुसार एसएसआर को रद कर दिया गया। अब कॉलेज को अप्रैल के बाद ही पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से प्रारंभ करना होगा। रजिस्ट्रेशन शुल्क लगभग एक लाख रुपये भी दोबारा जमा करने होंगे। प्राचार्य प्रो. चंद्रमा सिंह ने बताया कि उनके पदभार ग्रहण करने से पहले ही नैक मूल्यांकन प्रक्रिया प्रतिबंधित कर दी गई थी। 16 अप्रैल, 2019 को लॉगइन बंद कर दी गई थी। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद का यह फैसला पूरी तरह से एकतरफा है। कॉलेज प्रशासन ने प्रश्नों का जवाब एक सप्ताह में सबमिट करने का समय मांगा था। लेकिन, लॉगइन बंद होने के कारण यह संभव नहीं था।
पूरी वस्तुस्थिति से कुलपति को अवगत करा दिया गया है। कुलपति स्तर से आगे की कार्रवाई की जा रही है। कुलपति ने तलब किए सभी कागजात वाणिज्य महाविद्यालय प्रबंधन ने चार माह तक नैक प्रक्रिया रद होने की सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं दी। बीएन कॉलेज की एसएसआर रद होने के बाद कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने वाणिज्य महाविद्यालय को नैक एक्रिडेशन प्रक्रिया से संबंधित प्रगति रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद पूरी वस्तुस्थिति से पर्दा उठा। कुलपति ने कॉलेज प्रशासन को सभी कागजात जमा करने को कहा है। पूरी प्रक्रिया में त्रुटियों की जांच के बाद विवि प्रशासन नैक से पत्राचार का निर्णय लेगा।
प्रक्रिया रुकने पर क्या है प्रावधान दिल्ली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त फैकल्टी व नैक विशेषज्ञ प्रो. एमपी शर्मा ने बताया कि नैक एक्रिडेशन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन संचालित होती है। सभी मानक व नियम पूर्व निर्धारित होते हैं। यदि वाणिज्य महाविद्यालय ने एसएसआर से संबंधित प्रश्नों का जवाब समय पर नहीं दिया होगा तो लॉगइन स्वत: बंद हो गया होगा। लेकिन, इसकी जानकारी कॉलेज प्रशासन को उसी समय देनी होगी। प्रक्रिया बीच में रुकने पर एक साल तक का प्रतिबंध लगाया जाता है।
इसके साथ प्रक्रिया अवरुद्ध होने पर संबंधित कॉलेज और नैक दोनों अपनी वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करेंगे। एसएसआर यदि प्री-क्वालीफाई नहीं करने के कारण रिजेक्ट होता है तो दोबारा नए सिरे से एसएसआर छह माह के बाद कॉलेज ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
पीयू के छह में दो कॉलेज की एसएसआर रद
पटना विश्वविद्यालय के पटना साइंस कॉलेज, पटना लॉ कॉलेज, पटना कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय, मगध महिला कॉलेज और बीएन कॉलेज ने नैक एक्रिडेशन के लिए एसएसआर जमा की थी। इसमें मगध महिला कॉलेज को 'बी' ग्रेड आवंटित किया जा चुका है। पटना लॉ कॉलेज में नैक टीम पहुंची है। वहीं, पटना साइंस कालेज में नवंबर पहले सप्ताह और पटना कॉलेज में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में नैक टीम पहुंचेगी।
पीपीयू के 14 में 12 कॉलेज योग्य नहीं
पाटलिपुत्र विवि के 14 कॉलेजों ने नैक एक्रिडेशन के लिए एसएसआर जुलाई में जमा की थी। इनमें से 12 कॉलेज प्री-क्वालीफाई राउंड में 30 फीसद अंक भी प्राप्त नहीं कर सके हैं। इस कारण इन कॉलेजों को नैक एक्रिडेशन के लिए अयोग्य करार दिया गया है। इन कॉलेजों को छह माह बाद नए सिरे से पूरी प्रक्रिया प्रारंभ करनी होगी।