नर्सिंग स्कूल में अव्यवस्था देख भड़के सिविल सर्जन, आवंटित पैसे तक नहीं किए खर्च Patna News
पटनासिटी में नर्सिग स्कूल की अव्यवस्था देखकर सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विवेक कुमार सिंह भड़क गए।
By Edited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 01:49 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 10:49 AM (IST)
पटना, जेएनएन। श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल परिसर स्थित नर्सिंग स्कूल की खामियां हमेशा से सुर्खियां बनती रही हैं। यहां रहने वाली नर्सिंग छात्राएं घटिया खाना, पेयजल व बिजली संकट, सुरक्षा तथा कई अन्य गड़बड़ियों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कई बार कर चुकी हैं। स्कूल व छात्रावास से जुड़ी समस्याओं की खबर एक बार फिर विभाग तक पहुंची। इसकी सत्यता की जांच के लिए सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विवेक कुमार सिंह स्कूल पहुंचे।
यहां हर तरफ अव्यवस्था देख यह भड़क गए। इन्होंने प्राचार्य कुमारी मंजू ने जवाब तलब किया। हद तो यह है कि विकास कार्यों के लिए आवंटित 20 लाख रुपये भी यहां खर्च नहीं किया गया है। सिविल सर्जन ने नर्सिंग स्कूल एवं छात्रावास में उपलब्ध हर एक व्यवस्था को देखा। छात्राओं से पूछताछ किया। परिसर में गंदगी देख कर वह नाराज हुए। उन्होंने उपलब्ध राशि खर्च कर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का आदेश प्राचार्य कुमारी पूनम को दिया। छात्राओं ने निरीक्षण के दौरान बताया कि उन्हें पानी-बिजली की समस्या झेलनी पड़ती है। बाथरूम की सफाई नहीं होती है। सुरक्षा पर्याप्त नहीं है। छत पर जल जमाव होने के कारण कई जगहों से पानी रिसने, छत पर टूटी टंकी रखी होने, दो वाटर कूलर खराब रहने समेत अन्य समस्याएं सामने आयीं। सिविल सर्जन ने कहा कि निरीक्षण रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में इस स्कूल और छात्रावास की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान कार्यकारी अधीक्षक डॉ. मणि दीपा मजुमदार, अस्पताल प्रबंधक . मो. शब्बीर खान व अन्य थे। --- - सुरक्षा व्यवस्था समाप्त, होम्योपैथिक इकाई शिफ्ट होगी एसजीजीएस सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक सह सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि अस्पताल की सुरक्षा में कई बार खामियां पाए जाने के कारण एजेंसी की सेवा समाप्त कर दी गयी है। इसकी जगह सेवा के रिटायर कर्मियों को अस्पताल की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद यहां कई और सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इस कारण दूसरी मंजिल पर चल रही होम्योपैथिक इकाई को अन्य जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। अस्पताल में वर्षों से बंद पड़े दंत, नेत्र, हड्डी समेत अन्य विभागों में डॉक्टरों की तैनात कर इसे चालू किया जाएगा।
शिफ्ट हुई इमरजेंसी और गायनी वार्ड सिविल सर्जन की मौजूदगी में योजना के मुताबिक सदर अस्पताल की इमरजेंसी को गेट के ठीक सामने वाले कमरों में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां 19 बेड की इमरजेंसी विकसित की गयी है। यहां पहले से चल रहे गायनी वार्ड को पहले चल रही इमरजेंसी वाले कमरों में शिफ्ट किया गया है। कार्यकारी अधीक्षक ने बताया कि अधीक्षक कार्यालय की ओर चल रहे गायनी ओपीडी को गायनी वार्ड की ओर शिफ्ट किया जाएगा।
कई और बदलाव किए जा रहे हैं। सिविल सर्जन एवं अनुमंडल प्रशासन की मौजूदगी में सोमवार को अस्पताल के पुराने सामानों की निलामी की गयी। अस्पताल के पुराने उपकरण, टूटी कुर्सी-टेबल व अन्य रद्दी 1,30,300 रुपये का निलाम कर राशि अस्पताल के खाते में जमा की गयी।
यहां हर तरफ अव्यवस्था देख यह भड़क गए। इन्होंने प्राचार्य कुमारी मंजू ने जवाब तलब किया। हद तो यह है कि विकास कार्यों के लिए आवंटित 20 लाख रुपये भी यहां खर्च नहीं किया गया है। सिविल सर्जन ने नर्सिंग स्कूल एवं छात्रावास में उपलब्ध हर एक व्यवस्था को देखा। छात्राओं से पूछताछ किया। परिसर में गंदगी देख कर वह नाराज हुए। उन्होंने उपलब्ध राशि खर्च कर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का आदेश प्राचार्य कुमारी पूनम को दिया। छात्राओं ने निरीक्षण के दौरान बताया कि उन्हें पानी-बिजली की समस्या झेलनी पड़ती है। बाथरूम की सफाई नहीं होती है। सुरक्षा पर्याप्त नहीं है। छत पर जल जमाव होने के कारण कई जगहों से पानी रिसने, छत पर टूटी टंकी रखी होने, दो वाटर कूलर खराब रहने समेत अन्य समस्याएं सामने आयीं। सिविल सर्जन ने कहा कि निरीक्षण रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में इस स्कूल और छात्रावास की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान कार्यकारी अधीक्षक डॉ. मणि दीपा मजुमदार, अस्पताल प्रबंधक . मो. शब्बीर खान व अन्य थे। --- - सुरक्षा व्यवस्था समाप्त, होम्योपैथिक इकाई शिफ्ट होगी एसजीजीएस सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक सह सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि अस्पताल की सुरक्षा में कई बार खामियां पाए जाने के कारण एजेंसी की सेवा समाप्त कर दी गयी है। इसकी जगह सेवा के रिटायर कर्मियों को अस्पताल की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद यहां कई और सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इस कारण दूसरी मंजिल पर चल रही होम्योपैथिक इकाई को अन्य जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। अस्पताल में वर्षों से बंद पड़े दंत, नेत्र, हड्डी समेत अन्य विभागों में डॉक्टरों की तैनात कर इसे चालू किया जाएगा।
शिफ्ट हुई इमरजेंसी और गायनी वार्ड सिविल सर्जन की मौजूदगी में योजना के मुताबिक सदर अस्पताल की इमरजेंसी को गेट के ठीक सामने वाले कमरों में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां 19 बेड की इमरजेंसी विकसित की गयी है। यहां पहले से चल रहे गायनी वार्ड को पहले चल रही इमरजेंसी वाले कमरों में शिफ्ट किया गया है। कार्यकारी अधीक्षक ने बताया कि अधीक्षक कार्यालय की ओर चल रहे गायनी ओपीडी को गायनी वार्ड की ओर शिफ्ट किया जाएगा।
कई और बदलाव किए जा रहे हैं। सिविल सर्जन एवं अनुमंडल प्रशासन की मौजूदगी में सोमवार को अस्पताल के पुराने सामानों की निलामी की गयी। अस्पताल के पुराने उपकरण, टूटी कुर्सी-टेबल व अन्य रद्दी 1,30,300 रुपये का निलाम कर राशि अस्पताल के खाते में जमा की गयी।
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