Good News: बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में होगी पर्यावरण की पढ़ाई
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में पर्यावरण की पढ़ाई होगी। इस संबंध में राजभवन ने यूजीसी के निर्देश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश विश्वविद्यालयों को दिया है।
पटना [दीनानाथ साहनी]। बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में पर्यावरण की पढ़ाई होगी। इस संबंध में राजभवन ने यूजीसी के निर्देश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश विश्वविद्यालयों को दिया है। राजभवन के मुताबिक यूजीसी ने विश्वविद्यालयों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों को अंडर-ग्रेजुएट स्तर के सभी कोर्सों के साथ अतिरिक्त विषय के रूप में पर्यावरण की पढ़ाई अनिवार्य कर दी है। इसके बारे में पिछले साल ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों को गाइडलाइन जारी की थी।
यूजीसी के टीचिंग मॉड्यूल को लागू करना जरूरी
राजभवन के मुताबिक यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में भी अंडर-ग्रेजुएट स्तर पर पर्यावरण विषय पढ़ाने का मॉड्यूल (टीचिंग माड्यूल) भी जारी किया है जिसे लागू करना अनिवार्य है। जो संस्थान इसका अनुसरण नहीं करेंगे और पर्यावरण की पढ़ाई से बेरुखी दिखाएंगे, उन शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई होगी। यूजीसी ने ऐसे संस्थानों को लेकर सख्त रवैया अपनाने का संकेत दिया है। साथ ही इसे अनिवार्य रूप से पढ़ाने पर जोर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट से भी पर्यावरण कोर्स अनिवार्य करने का आदेश
राजभवन के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण की विषय के रूप में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई को अनिवार्य करने का आदेश दे रखा है। इसलिए यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में पर्यावरण की पढ़ाई को लेकर जोर दिया है। इसका मकसद छात्र-छात्राओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इसे रोजगार से भी जोडऩे पर जोर दिया जा रहा है। बावजूद मौजूदा समय में कम संस्थानों में ही इस पर अमल हो रहा है। यूजीसी ने ऐसी रिपोर्ट मिलने के बाद सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इसे अनिवार्य रूप से पढ़ाने को कहा है।
छह माह का होगा पर्यावरण का पाठ्यक्रम
राजभवन के मुताबिक पर्यावरण की पढ़ाई का पाठ्यक्रम छह माह का तैयार किया गया है। इसे यूजीसी ने पर्यावरण विशेषज्ञों की मदद से तैयार कराया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत छात्रों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए अंडर ग्रेजुएट स्तर के सभी कोर्सों के साथ एक अतिरिक्त विषय के रूप में शामिल किया गया है। पाठ्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के अलावा जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और उससे बचाव आदि को रखा गया है।
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