बदलाव: अब मंत्रिमंडल की अनुमति बिना भी विश्वविद्यालय शिक्षकों का मिलगा वेतन
बिहार सरकार ने विवि शिक्षकों को समय पर वेतन देने के इरादे से पूर्व से चल रहे नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। इससे करीब सात हजार शिक्षकों को नियमित वेतन मिलना तय हो गया है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश के विश्वविद्यालय शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों को अब समय पर वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने शिक्षकों के वेतन स्वीकृति की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं जिस पर मंत्रिमंडल ने भी सहमति दे दी है।
यह है नई व्यवस्था
नई व्यवस्था में शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं को समय पर राशि जारी करने की स्वीकृति अब मंत्रिमंडल के स्थान पर सीधे वित्त विभाग द्वारा दी जा सकेगी। लेकिन, इसके लिए शर्त यह होगी कि संबंधित राशि के प्रावधान बजट में होने चाहिए। अगर बजट में राशि का प्रावधान नहीं है तो ऐसी स्थिति में वित्त विभाग की अनुमति आवश्यक होगी।
अब तक थी यह व्यवस्था
अब तक की व्यवस्था रही है कि राज्य सरकार के अधीन चलने वाले शहरी स्थानीय निकाय, पंचायती राज संस्थाओं के साथ ही विश्वविद्यालय, अल्पसंख्यक विद्यालयों को स्थापना और आवश्यक खर्च के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि मुहैया कराई जाती रही है। इन संस्थाओं के वित्त पोषण के लिए बजट निर्धारण के दौरान ही बजट उपबंध किया जाता है। बावजूद निकायों और विश्वविद्यालयों को वित्तीय आवंटन देने के पहले स्वीकृति के लिए प्रस्ताव मंत्रिमंडल के विचारार्थ लाया जाता है।
सरकार ने समाप्त कर दी ये शर्त
कई बार समय पर संबंधित निकाय या शिक्षा विभाग के स्तर पर प्रस्ताव नहीं दिए जाने से कर्मचारियों या शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता। प्रत्येक वर्ष होने वाली ऐसी समस्याओं का आकलन करने के बाद सरकार ने मंत्रिमंडल की स्वीकृति की शर्त को समाप्त कर दिया है।