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बड़ा खुलासा: पटना पुलिस बल के 200 जवान गायब, वेतन पर रोक

पटना पुलिस लाइन से करीब 150 सिपाही फरार हैं। डीआइजी राजेश कुमार द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ है। कई सिपाही का तो एक साल से कोई अता-पता नहीं है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 22 Feb 2018 10:41 AM (IST)Updated: Fri, 23 Feb 2018 06:43 PM (IST)
बड़ा खुलासा: पटना पुलिस बल के 200 जवान गायब, वेतन पर रोक
बड़ा खुलासा: पटना पुलिस बल के 200 जवान गायब, वेतन पर रोक
पटना [जेएनएन]। पटना  के पुलिस कप्तान मनु महाराज के ट्रेनिंग पर गए हैं और जिला पुलिस बल में एक के बाद एक कारनामे सामने आ रहे हैं। 200 जवान एक साल से अधिक समय से बिना किसी सूचना के गायब हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक राजेश कुमार के निरीक्षण में यह सच सामने आया है। वहीं, दूसरी तरफ पटना पुलिस के अकाउंट सेक्शन में इनकम टैक्स फॉर्म भरने के लिए कर्मचारी के पुलिसकर्मियों से एक हजार रुपये रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ है।
एक साल से नहीं है रिकॉर्ड
डीआइजी आज पांच घंटे से अधिक समय तक पटना पुलिस नवीन केंद्र यानी पुलिस लाइंस में बैठे रहे और हर मामले का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने 200 जवानों को चिन्हित किया, जो एक साल से अधिक समय से बिना किसी सूचना के फरार हैं। उन जवानों का वेतन रोक दिया गया। उनका बचाव कर रहे पुलिस लाइंस के मुंशी राजू प्रसाद को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं रखने पर सब-इंस्पेक्टर संजीव का वेतन रोका गया है। उससे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही पुलिस लाइन में व्याप्त घोर अनियमितताओं की जानकारी आला अफसरों को नहीं देने पर डीएसपी मो. मसलेहउद्दीन और सार्जेंट मेजर उदय कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है।
तब हुआ अफसरों को शक
एक अधिकारी के मुताबिक दूसरे जिलों में होने वाले वीआइपी कार्यक्रमों में पटना पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति की मांग की जाती थी, तब पुलिस लाइंस के अफसर बल की कमी का हवाला देते थे। यही स्थिति तब होती थी, जब राजधानी में किसी बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता। कागज पर जवानों की संख्या अधिक दिखती थी, लेकिन वे फील्ड में नजर नहीं आते थे। तब डीआइजी को शक हुआ।
मनमाने ढंग से 50 को बॉडीगार्ड
निरीक्षण के दौरान डीआइजी ने पाया कि 50 कथित वीआइपी लोगों को गलत ढंग से बॉडीगार्ड मुहैया कराए गए हैं। डीआइजी ने लाइंस डीएसपी को तत्काल उन जवानों को वापस लाने का आदेश दिया है। डीआइजी ने चेतावनी दी कि यदि वे 24 घंटे के अंदर पुलिस लाइंस में योगदान नहीं देंगे तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।  इन कथित वीआइपी में कुछ बड़े व्यापारी, राजनीतिक दलों के पदाधिकारी और अन्य सफेदपोश शामिल हैं।
300 जवानों के पास नहीं काम
लाइंस में 300 ऐसे जवान मिले, जिन्हें अब तक कोई काम नहीं दिया गया था। इनमें से 50 जवानों की छह विशेष टीम बनाई गई, जो अपराध नियंत्रण में सहयोग देंगे। बाकी जवानों को विकट परिस्थिति के लिए सुरक्षित रखा गया है। वहीं कोतवाली थाने में 25 कमांडो की प्रतिनियुक्ति की गई है। उनके लिए बुलेटप्रूफ गाड़ी और सिटी राइड बस की व्यवस्था है। छापेमारी या विधि-व्यवस्था के दौरान जब भी जिला पुलिस को जरूरत महसूस होगी तो अफसर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्हें हर समय स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा हथियारधारी 50 जवानों को बाइक के साथ विभिन्न थानों में प्रतिनियुक्त किया गया है।
डीजीपी ने कहा, नौकरी से हटाए जाएंगे लापता पुलिसकर्मी
बिना किसी सूचना के अपनी ड्यूटी से गायब रहने वाले पुलिसकर्मियों पर अब गाज गिरनी तय है। डीजीपी पीके ठाकुर ने भी गुरुवार को कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों को नौकरी से निकाल-बाहर किया जाएगा। ऐसे पुलिसकर्मियों को चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डीजीपी पीके ठाकुर ने स्वीकार किया कि यह मामला अकेले पटना का नहीं है। राज्य के अन्य जिलों की पुलिस लाइंस से भी उन्हें इस तरह की शिकायतें मिली हैं।
बता दें कि बिहार में पहले से ही पुलिस-पब्लिक अनुपात काफी खराब है। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट  के अनुसार, बिहार में 839 लोगों पर सिर्फ एक पुलिस है। थाने में तैनात दारोगा की कमी होने के कारण अापराधिक घटनाओं का अनुसंधान समय पर नहीं हो पाता है। अतिरिक्त दबाव के कारण कई बार दारोगा केस का अनुसंधान हाथ में लेना ही नहीं चाहते हैं। जो ले भी लेते हैं, तो तय सीमा के अंदर अनुसंधान पूरा नहीं हो पाता है। केस डायरी नहीं लिखी जाती है। ऐसी स्थिति में पटना पुलिस लाइन से करीब 150 पुलिसकर्मियों के फरार होना बड़ी लापरवाही है।

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