औसत वर्षा में आ रही कमी, ध्यान दे पर्यावरण विभाग: नीतीश
सीएम नीतीश ने बिहार के औसत वर्षापात में कमी पर पर्यावरण विभाग का ध्यान आकृष्ट करवाया। कहा कि हरित आवरण 17 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य हासिल करना चाहिए।
पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि बिहार के औसत वर्षापात में कमी दर्ज हो रही है। पर्यावरण विभाग इस पर ध्यान दे। बिहार में औसत वर्षापात 1200 से 1500 मिलीलीटर होना चाहिए पर विगत बारह वर्षों से यह देख रहे हैैं कि यह 700-800 एमएल से आगे नहीं बढ़ रहा। हमें पर्यावरण असंतुलन का प्रभाव झेलना पड़ता है। हरित आवरण बढ़ेगा तो जलवायु परिवर्तन के असंतुलन में कमी आएगी। कृषि वानिकी को विस्तार देने के लिए कृषि वानिकी नीति तैयार होनी है। ज्ञान भवन में पर्यावरण एवं वन विभाग के तत्वावधान में आयोजित कृषि वानिकी समागम के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। समागम का आयोजन बिहार कृषि वानिकी नीति को तय किए जाने को ले विमर्श के स्वरूप में किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में आबादी बहुत है पर वन क्षेत्र कम। हमलोगों ने तय किया है कि बिहार में हरित आवरण बढ़ाएंगे। वर्ष 2017 तक के लिए हरित आवरण का लक्ष्य 15 प्रतिशत रखा गया है। फारेस्ट सर्विस ऑफ इंडिया की मदद से राज्य सरकार हरित आवरण का आकलन कर रही है। मार्च तक रिपोर्ट आएगी। अठारह करोड़, साठ लाख पौधरोपण हो गया। हम सत्रह प्रतिशत तक हरित आवरण का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि वानिकी के तहत 6 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य था और 6.10 करोड़ पौधे लग गए। कृषि वानिकी के माध्यम से हरित आवरण का लक्ष्य हासिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैैं कि कृषि वानिकी के माध्यम से किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले। इस वजह से लकडिय़ों के संबंध में अब किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं। कृषि वानिकी और जलवायु परिवर्तन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो धरती पर हैैं उनका फर्ज है कि पर्यावरण की रक्षा करें।