महिलाओं में बढ़ रही वोट पर चोट की ललक, थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 2366
नई मतदाता सूची में अभी भी प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महज 887 महिलाएं ही मतदाता बन पाईं हैं। लेकिन सुखद यह है कि वर्ष दर वर्ष मतदाता बनने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है।
पटना [रमण शुक्ला]। बिहार की महिलाओं में साल दर साल वोट पर चोट करने की ललक बढ़ रही है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित नए मतदाताओं की सूची से यह खुलासा हुआ है। बिहार में 2011 की जनगणना के अनुसार प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या 911 है।
वहीं निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार नई मतदाता सूची में अभी भी प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महज 887 महिलाएं ही मतदाता बन पाईं हैं। लेकिन सुखद यह है कि वर्ष दर वर्ष मतदाता बनने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है।
बता दें कि सरकार ने 2011 की जनगणना के आंकड़े 2013 में सार्वजनिक कर दिया था। इसके बाद भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लगातार मतदाता जागरुकता अभियान चलाने का सिलसिला जारी है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी संपन्न हुए। इस दौरान पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं के लिंगानुपात के ग्राफ में सुधार हो रहा है।
आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के अनुसार बिहार में 5.14 लाख नए मतदाता बढ़े हैं। इसमें 18-19 वर्ष के 274 हजार 855 नए युवा मतदाता बने हैं। आयोग द्वारा घोषित आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 10 जनवरी 2018 तक 6.98 करोड़ 35 हजार 826 मतदाता हो गए हैं। इसमें तीन करोड़ 70 लाख 12 हजार 676 पुरुष मतदाता हैं, जबकि तीन करोड़ 28 लाख 20 हजार 784 महिला मतदाता हैं। प्रदेश में 2366 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
62 हजार 780 हैं पोलिंग स्टेशन
भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार सभी विधानसभा क्षेत्र मिला कर 62 हजार 780 पोलिंग स्टेशन हैं। इसमें शहरी क्षेत्र में सात हजार 294 व ग्रामीण क्षेत्र में 55 हजार 486 है।
मतदाताओं की स्थिति
कुल मतदाता : 6.98 करोड़ 35 हजार 826
पुरुष मतदाता : 3.70 करोड़ 12 हजार 676
महिला मतदाता : 3.28 करोड़ 20 हजार 784
थर्ड जेंडर मतदाता : 2366
प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिला मतदाता
2013 : 859
2014 : 877
2015 : 875
2016 : 878
2017 : 882
2018 : 887