इंस्पेक्टर की पत्नी की मौत बनी उलझन, हत्या या आत्महत्या...पुलिस परेशान
बिहार सरकार ने सचिवालय में तैनात इंस्पेक्टर ने अपने परिवार के साथ मिलकर पत्नी की हत्या कर दी है। इंस्पेक्टर की पत्नी के परिजनों ने दहेज के लिए हत्या का मामला दर्ज कराया है।
पटना [जेएनएन]। पटना में सचिवालय में तैनात इंस्पेक्टर ने परिवार के साथ मिलकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी है। जहां एक ओर राज्य सरकार दहेज कुप्रथा को जड़ से मिटाने का अथक प्रयास कर रही है, वहीं इस पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी मुहिम को ठेंगा दिखा रहे हैं।
मामला गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के पुलिस कॉलोनी का है, जहां मंगलवार को सचिवालय में तैनात इंस्पेक्टर बीएन ओझा पर परिवार के साथ मिलकर बहू नेहा की गला दबाकर हत्या करने का आरोप लगा है।
नेहा के भाई अरविंद ने शास्त्री नगर थाने में इंस्पेक्टर, बहनोई शंभूनाथ ओझा सहित बहन के ससुराल पक्ष के अन्य लोगों के विरुद्ध दहेज की खातिर हत्या करने की बात कही है। थानाध्यक्ष निहार भूषण ने बताया कि फर्दबयान दर्ज कर कार्रवाई के लिए कांड को गर्दनीबाग थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है।
अरविंद की मानें तो मंगलवार को सुबह लगभग 11 बजे बहनोई शंभूनाथ ओझा ने फोन कर जानकारी दी कि नेहा से परिवार वालों का कुछ विवाद हुआ है। इसके बाद उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और दरवाजा नहीं खोल रही है। शंभूनाथ ने नेहा की बहन को कॉल किया था।
सूचना पाकर अरविंद वह नौबतपुर के तिवारीचक स्थित घर से नेहा के ससुराल पहुंचा। वहां उसने एक कमरे में अचेतावस्था में नेहा को पाया। आनन-फानन में उसे राजाबाजार के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने नेहा को मृत घोषित कर दिया। नेहा के गले पर निशान है। अंदेशा है कि ससुराल वालों ने आक्रोशित होकर उसका गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
अरविंद ने पुलिस को बताया कि तीन साल पहले नेहा और शंभूनाथ की शादी हुई थी। उसका बहनोई सीडीपीओ कार्यालय में अकाउंटेंट है। दंपती को एक संतान भी है। शादी के वक्त नेहा के इंस्पेक्टर ससुर ने साढ़े चार लाख रुपये नकद लिए थे। इसके बाद भी उनकी मांगे कम नहीं हुई।
उसपर हमेशा मायके से दहेज लाने के लिए प्रताडि़त किया जाता था। अरविंद का कहना है कि नेहा को मारने के बाद उसके ससुराल वाले आत्महत्या का रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।