31 साल पहले हुई अपनी शादी की ही तरह सुशील मोदी करेंगे बेटे की शादी, जानिए
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की शादी को 31 वर्ष हो गए, उस वक्त भी उन्होंने आदर्श विवाह किया था, अब वैसी ही शादी अपने बेटे की करने जा रहे हैं, जो चर्चा का विषय बनी हुई है।
पटना [सुभाष पांडेय]। 31 साल पहले हुई उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की शादी की तरह ही उनके पुत्र उत्कर्ष की शादी विशिष्ट होगी। विवाह तो वैदिक रीति रिवाज से होगा, लेकिन इसके लिए कोई मुहुर्त या लग्न नहीं निकलवाया। मोदी की शादी भी वर्ष 1986 में 13 अप्रैल को हुई थी जिसे अशुभ समझा जाता है।
मोदी कहते हैं कि मैं इन चीजों में विश्वास नहीं करता। शादी की कौन कहे कोई भी चुनाव लड़ा बिना मुहुर्त दिखाए नामांकन किया। कोई चुनाव हारा भी नहीं। पिता जी व्यवसाय करते थे। कई दुकानें खोली। इतवार के दिन पूजा कराकर शुभारंभ करते थे। इसलिए कि सभी दुकानें बंद रहती थीं।
बेटे की शादी के लिए भी कोई मुहुर्त नहीं दिखवाया। छुट्टी का दिन रहेगा। भीड़भाड़ कम रहेगी। लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने में परेशानी नहीं होगी। यही वजह है कि दिन में तीन से पांच बजे तक कार्यक्रम को संपन्न कर देना है।
मुम्बई से आए सात सदस्यों की टीम गायन शैली में विवाह की रश्म पूरी कराएगी। संस्कृत में विवाह के वैदिक मंत्रों शाब्दिक अर्थ समझाने के लिए अथितियों को एक आठ दस पन्नों की पुस्तिका भी बांटी जाएंगी। इस विवाह के लिए कोई आमंत्रण कार्ड नहीं छपा है।
सुशील कुमार मोदी की शादी में भी आमंत्रण पत्र नहीं छपा था। हाथ से चिट्ठी लिखकर अटल बिहारी वाजपेयी को आमंत्रित किया था। इस उम्मीद से कि वह तो आएंगे नहीं, लेकिन जब उन्होंने पत्र लिखकर शादी में आने की सूचना दी तो उनके हाथ पांव फूलने लगा था। अटल जी न सिर्फ आए थे, बल्कि उन्होंने शादी के समारोह में भाषण भी दिया था।
मोदी बेटे की शादी में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित करीब दो हजार लोगों को ई कार्ड से आमंत्रण भेज रहे है। गुजरात में विधानसभा के चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना कम है। हालांकि मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल,धर्मेंद्र प्रधान सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और बंगाल, गोवा,मेघालय जैसे कई राज्यों के राज्यपालों ने आने की सूचना दे दी है।
मोदी ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शादी-विवाह में अनावश्यक खर्च के घोर विरोधी है। शादी के कार्ड पर खर्च को फालतू मानते हैं। यही वजह है कि मोदी ने भी बेटे की शादी में कोई कार्ड नहीं छपवाया। ई कार्ड से सभी को निमंत्रण दिया जा रहा है। कोई भोज नहीं। महावीर मंदिर के तिरूपति वाले दो लड्डू से होगा अतिथियों का स्वागत।
बदल सकता है विवाह स्थल
निमंत्रण पत्र में विवाह स्थल राजेंद्र नगर का शाखा मैदान दिया गया है, लेकिन रास्ता संकरा होने के कारण वेटनरी ग्राउंड या अन्य वैकल्पिक स्थल पर विचार चल रहा है। मोदी चाहते तो थे देशरत्न मार्ग स्थित आवंटित सरकारी आवास से विवाह करना। पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी द्वारा उस आवास के खाली नहीं करने से यह संभव नहीं हो सका।
तीन देशरत्न मार्ग को तेजप्रताप ने खाली कर दिया तो उन्होंने वहां लोगों को स्थल देखने भेजा। तेज प्रताप ने आवास खाली करने के बाद दोबारा उस पर कब्जा जमा लिया। इसलिए यह भी संभव नहीं हो सका।