साढ़े 17 लाख छोटे किसानों की फिर बंधी उम्मीदें
मुआवजा बढ़ाने के राज्य सरकार के ताजा फैसले से लाखों किसानों को राहत की उम्मीदें बंधी हैं। अगर सही समय पर उन्हें राहत राशि मिल जाए तो किसान नई फसलों के लिए फिर से तैयारी कर सकते हैं।
पटना। मुआवजा बढ़ाने के राज्य सरकार के ताजा फैसले से लाखों किसानों को राहत की उम्मीदें बंधी हैं। अगर सही समय पर उन्हें राहत राशि मिल जाए तो किसान नई फसलों के लिए फिर से तैयारी कर सकते हैं। सरकार का यह निर्णय बड़े किसानों में भी जोश भर सकता है। इस साल 30 मार्च की ओलावृष्टि और आंधी में राज्य की करीब दो तिहाई फसलें चौपट हो गई थीं। रबी फसलों के कुल 31.89 लाख हेक्टेयर रकबे में से 19.92 लाख हेक्टेयर से अधिक में लगी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। कुदरत की गाज सबसे ज्यादा सीमांत किसानों पर गिरी थी। इनकी संख्या 14.20 लाख से अधिक है। 9.96 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में इनकी लगी फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। तीन लाख 36 हजार हेक्टेयर असिंचित इलाकों में भी इन्हें नुकसान झेलना पड़ा है।
मध्यम और बड़े किसानों के सिंचित क्षेत्र का प्रभावित रकबा हालांकि थोड़ा कम है। इनके दो लाख छह हजार हेक्टेयर सिंचित और 35 हजार हेक्टेयर असिंचित रकबे में ओले की मार पड़ी है। ऐसे किसानों की संख्या 2.35 लाख से अधिक है। हालांकि समग्र्र रिपोर्ट आने के बाद यह संख्या बढ़ भी सकती है। दस जिलों की रिपोर्ट अभी पूरी तरह नहीं आई है।
ओले और आंधी से सबसे ज्यादा पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर के किसान प्रभावित हुए हैं। यहां की फसलें बुरी तरह चौपट हुई हैं। पटना में 26.36 हजार हेक्टेयर, नालंदा में 63.57 हजार और गया में 23.68 हजार हेक्टेयर में फसलों पर ओले की गाज गिरी है।
सबसे कम असर नवादा, अरवल और जहानाबाद जिले में हुआ है। फिलहाल यहां क्रमश: 3.63 लाख, 16.73 लाख और 84.54 लाख की क्षति का ही आकलन किया गया है। हालांकि उक्त तीनों जिलों में संशोधित सर्वे के मुताबिक विस्तृत रिपोर्ट की अभी प्रतीक्षा है।
कृषि विभाग के संशोधित सर्वे के मुताबिक पूर्वी चंपारण में 1.24 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में लगी फसलें खेतों में खड़ी-खड़ी चौपट हो गईं। जिले के किसानों के लिए 162 करोड़ मुआवजे का आकलन किया गया है। इसी तरह सिवान में 137 करोड़ रुपये, मुजफ्फरपुर में 112 करोड़ रुपये और समस्तीपुर के किसानों को 102 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।
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क्या-क्या हुआ चौपट
ओले और बेमौसम बारिश से गेहूं के साथ साथ मक्का, मेंथा, मसाला, चना, अरहर, मसूर, तीसी, गर्मा राई-सरसों, टमाटर, प्याज, लौकी, भिंडी, केला, करेला, लीची और आम जैसी नकदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
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पीडि़त किसान
सीमांत - 17.56 लाख
मध्यम-बड़े-2.35 लाख
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जिला--- राशि (लाख रुपये में है)
पटना -2423.79
नालंदा -5681.67
भोजपुर -4492.43
बक्सर -7018.19
रोहतास-8961.65
गया -2947.06
जहानाबाद-84.50
अरवल- 16.13
औरंगाबाद-6135.11
सारण-326.67
सिवान-13785.75
मुजफ्फरपुर-11235.60
पूर्वी चंपारण-16253.80
पश्चिमी चंपारण-5670.63
सीतामढ़ी-4140.24
शिवहर-3016.22
दरभंगा-6733.68
मधुबनी-9338.05
समस्तीपुर-10263.78
बेगुसराय-6484.34
मुंगेर -1149.42
शेखपुरा-1342.86
लखीसराय-272.71
जमुई-1569.72
खगडिय़ा-6805.57
सहरसा-4514.27
पूर्णिया-6950.34
किशनगंज-1965.05
अररिया-4758.89
कटिहार-555.81
भागलपुर-5839.48
मधेपुरा -4145.04
सुपौल-3048.06
वैशाली-4930.16
नवादा -3.63
बांका-3107.64
कैमूर -460.37