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एसिड अटैक पीड़ित को पुनर्वास के लिए मिलेंगे पांच लाख रुपये

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस महानिदेशक के साथ की बैठक। पुनर्वास राशि की फाइल

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Oct 2017 03:06 AM (IST)Updated: Thu, 19 Oct 2017 03:06 AM (IST)
एसिड अटैक पीड़ित को पुनर्वास के लिए मिलेंगे पांच लाख रुपये
एसिड अटैक पीड़ित को पुनर्वास के लिए मिलेंगे पांच लाख रुपये

- राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने पुलिस महानिदेशक के साथ की बैठक

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पुनर्वास राशि की फाइल फांक रही थी धूल

15 दिनों में रखी जाएगी कैबिनेट के पटल पर

जागरण संवाददाता, पटना : एसिड अटैक पीड़ित का इलाज अस्पतालों में निश्शुल्क कराया जाता है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि उनके कुछ अंग एसिड से उपयोग लायक नहीं रहते। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को उन्हें पुनर्वास के लिए राशि मुहैया कराने का प्रावधान है। राज्य सरकार ने पीड़ित को पुनर्वास के लिए पांच लाख रुपये योजना तैयार की थी, जो फाइलों में धूल फांक रही है। उसे मंजूरी दिलाने के लिए पटना पुलिस मुख्यालय 15 दिन के अंदर कैबिनेट के पटल पर रखेगा। यह निर्णय बुधवार को पुलिस मुख्यालय में राज्य महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू और पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर के साथ हुई बैठक में लिया गया।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य महिला आयोग के माध्यम से सभी राज्यों से उनके यहां रह रहीं एसिड अटैक पीड़ित की पूर्व और अद्यतन स्थिति का ब्योरा मांगा था। इसी कड़ी में आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने बुधवार को डीजीपी पीके ठाकुर के साथ बैठक की। सुषमा साहू के अनुसार डीजीपी ने जानकारी उपलब्ध कराई। साथ ही एसिड अटैक पीड़ित को इंसाफ दिलाने और उनके पुनर्वास के मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। बैठक में पांच बिंदुओं पर सहमति बनी।

नियुक्त होंगे नोडल अफसर

राज्य सरकार की ओर से पीड़ित को मुआवजे के लिए तीन लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं। लेकिन लाभांवित होने वालों की संख्या बेहद कम है। समय पर उन्हें राशि मुहैया हो जाए, ताकि उनके परिजनों को राहत मिल सके, इसके लिए राज्यस्तरीय नोडल अफसर नियुक्त किए जाएंगे। घटना की जानकारी मिलने पर वह फौरन पीड़ित और उनके मुलाकात करेंगे। साथ ही अविलंब राशि प्रदान कराने में सहयोग देंगे। अब तक जिन मामलों में मुआवजे की राशि नहीं दी गई है, उनके त्वरित निष्पादन के लिए राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें सुषमा साहू भी शामिल होंगी।

रद कराई जाए जमानत

दुष्कर्म, गैंग रेप, एसिड अटैक जैसे मामलों में स्पीडी ट्रायल करा छह माह के अंदर सजा दिलाने का प्रयास किया जाए। अभियुक्त अगर जमानत पर छूट गए हैं तो जिला पुलिस उनकी जमानत रद कराने के लिए न्यायालय में आवेदन दें। ताकि वे खुलेआम बाहर घूमकर किसी अन्य महिला या युवती को अपना शिकार न बना सकें। इसके साथ ही कांड में उन दुकानदारों को भी दोषी पाया जाएगा, जो बिना लाइसेंस के एसिड की बिक्री कर रहे हैं और उनकी दुकान से घटना को अंजाम देने के लिए एसिड खरीदा गया।


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