बिहार में टूटा नहर बांध: पक्ष-विपक्ष में सियासत हुई तेज
भागलपुर के कहलगांव में नहर बांध के टूटने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है। एक ओर जहां पक्ष ने इसकी जांच कराने की बात कही है तो वहीं विपक्ष ने सरकार पर करारा हमला बोला है।
पटना [जेएनएन]। भागलपुर के कहलगांव में बटेश्वरस्थान गंगा पम्प नहर परियोजना के नहर बांध टूटने पर बिहार में राजनीतिक पार्टियों के बीच सियासत शुरू हो गई है। जहां पक्ष ने इसकी जांच कराने की बात कही है और इसपर सभी ठेकेदारों, इंजीनियरों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है वहीं विपक्ष ने इस मामले पर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
आरजेडी ने कहा- खुल गई भ्रष्टाचार की पोल
राजद ने इस मामले पर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। पार्टी के नेता शक्ति यादव ने कहा है कि नहर बांध के टूटने से नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण में लगे सभी ठेकेदारों और इंजीनियरों की मिलीभगत से यह लूट हुई है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में सीएम नीतीश को खुद ज़वाब देना चाहिए कि कैसे उद्घाटन से पहले ही टूट गया नहर बांध? क्या इस मामले में सीएम नीतीश को जीरो टॉलरेंस नहीं दिख रहा है? उन्होंने जल संसाधन मंत्री ललन सिंह से इस्तीफे की मांग की है।
जेडीयू ने किया पलटवार- बिना जानकारी के ना लगाएं आरोप
जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि विपक्ष बिना जानकारी के ही आरोप लगा रहा है। सबसे पहले तो आरोप लगाने वालों को तटबंध और नहर का फर्क समझना चाहिए। इस नहर बांध का निर्माण तो 1996 में लालू सरकार के दौरान हीहुआ था। सरकार ने उस नहर बांध के उद्धघाटन के पहले पानी छोड़कर किया था ट्रायल।
बीजेपी ने कहा- राजद के लोग भ्रष्टाचार की बातें ना करें
भाजपा के नेता और मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा हैे कि आरजेडी नेताओं के मुंह से भ्रष्टाचार की बात शोभा नहीं देती। क्योंकि आरजेडी के मुखिया ही भ्रष्टाचार के मामले में सज़ायाफ्ता हैं। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने 40 साल पुरानी परियोजना को पूरा कराया। परियोजना का ज़्यादातर काम आरजेडी शासनकाल में ही हुआ था।
लोजपा नेता पशुपति पारस ने कहा- ठेकेदारों इंजीनियरों पर हो कार्रवाई
लोजपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री पशुपति नाथ पारस ने कहा है कि नहर बांध टूटने की जांच होनी चाहिए और दोषी ठेकेदारों और इंजीनियरों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।