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बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह, बचाव में उतरी सेना, सीएम बनाये हुए हैं नजर

बिहार में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। कई जगह रेलखंडों व एनएच पर पानी बह रहा है। उनपर आवागमन बंद कर दिया गया है। बाढ़ के बिगड़ते हालात को देखते हुए सीएम ने पीएम से बात की है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 08:54 AM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 10:46 PM (IST)
बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह, बचाव में उतरी सेना, सीएम बनाये हुए हैं नजर
बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह, बचाव में उतरी सेना, सीएम बनाये हुए हैं नजर

पटना [जेएनएन]। लगातार बारिश से बिहार में बाढ़ भयंकर हो रही और करोड़ों की आबादी बुरी तरह घिर गई है। सीमांचल, कोसी और उत्तर बिहार के जिलों में स्थिति भयावह हो रही। नदियां उफना रहीं, कई तटबंध टूट गए हैं। ग्रामीण और शहरी इलाके में पानी तेजी से फैल रहा। जोगबनी, कटिहार और किशनगंज में कई रेलवे स्टेशन और ट्रैक डूब गए हैं।

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बिहार और नेपाल में हो रही भारी बारिश से बिहार की छोटी-बड़ी नदियों में उफना रहीं। बारिश थमी नहीं है। आशंका है कि स्थिति और बिगड़ेगी। बिगड़ते हालात से परेशान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन कर केंद्र की मदद मांगी।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से भी बात की। केंद्र ने सेना और एनडीआरएफ को राहत और बचाव के निर्देश दिए हैं। इसके बाद दानापुर, रांची और ओडिशा से सेना और एनडीआरएफ की टीमें सीमांचल और कोसी के जिलों में रविवार देर शाम से पहुंचने लगीं।

ओडिशा से हेलीकॉप्टर से एनडीआरएफ की चार टुकडिय़ों को रविवार दोपहर में पूर्णिया में राहत और बचाव कार्य के लिए उतार दिया गया। दानापुर से सेना के जवान बाढग़्रस्त इलाकों के लिए रवाना कर दिए गए है। वायुसेना के गोरखपुर बेस से फूड पैकेट गिराने के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।

कोसी-सीमांचल में त्राहिमाम 
कोसी-सीमांचल के सभी जिलों में हजारों घर डूबे हुए हैं और कई इलाकों में रेल, बिजली और दूरसंचार सेवा भी ठप है। कटिहार का पूर्वोत्तर के राज्यों से रेल संपर्क भंग हो गया है। किशनगंज जिला पूरी तरह टापू में तब्दील हो गया है। अररिया का भी नेपाल से सड़क और रेल संपर्क भंग हो गया है। पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज जिले में राहत और बचाव में सेना लगाई जा रही।

सुपौल में दीवार गिरने से दो और जमुई में एक की मौत हुई है। सहरसा में भी डूबकर दो और अररिया-मधेपुरा में एक-एक की मौत हुई है। सीमांचल के कुछ इलाकों में हवाई सर्वेक्षण किया गया। नेपाल में भारी बारिश के कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज से लगभग चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने और नदियों में उफान की वजह से बगहा, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर के सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया। 

सेना उतरी बचाव में 
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री से रक्षा मंत्री अरुण जेटली की बातचीत के बाद तत्काल सेना सक्रिय हुई। रविवार सुबह बाढ़ की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। उसके बाद उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से एनडीआरएफ की 10 अतिरिक्त टुकड़ी की मांग की है।

बचाव कार्य के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर उतारने को भी कहा। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया और तुरंत एनडीआरएफ और सेना की टुकड़ी रवाना कर दी गई।

स्टेशन डूबे, रेल सेवा ठप 
बाढ़ के कारण अररिया का जोगबनी स्टेशन डूब गया। अररिया, किशनगंज, कटिहार और चंपारण में जगह-जगह रेल ट्रैक और मुख्य मार्ग पर पानी बह रहा। कटिहार का पूर्वोत्तर भारत से रेल संपर्क टूट गया है। दालकोला- किशनगंज रेलखंड पर भी पानी बह रहा है।

अररिया-जोगबनी रेलखंड पर फिलवक्त ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया। पश्चिम चंपारण के बगहा स्थित गोरखपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर रविवार सुबह से पानी बह रहा। इससे सप्तक्रांति एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें जहां-तहां रोक दी गईं।


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