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सोशल मीडिया: राम बनाम मीरा और लालू का दावत-ए-इफ्तार

बीते सप्‍ताह सोशल मीडिया में राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर महागठबंधन की तल्‍खी छाई रही। यह तल्‍खी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के दावत-ए-इफ्तार में साफ झलकी।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 25 Jun 2017 08:16 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jun 2017 11:52 PM (IST)
सोशल मीडिया: राम बनाम मीरा और लालू का दावत-ए-इफ्तार
सोशल मीडिया: राम बनाम मीरा और लालू का दावत-ए-इफ्तार

पटना [काजल]। बीते सप्‍ताह सोशल मीडिया में राष्‍ट्रपति चुनाव की राजनीति छाई रही। रामनाथ कोविंद व मीरा कुमार को लेकर सत्‍ताधारी महागठबंधन का विवाद साफ झलकता दिखा। बयानों की बारिश के बीच सियासी इंद्रधनुष निकला।

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बिहार के राज्यपाल और नीतीश के फेवरिट रहे रामनाथ कोविंद को जहां एनडीए ने अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं विपक्ष की सत्रह पार्टियों ने मिलकर तमाम हंगामे के बीच अपने तुरुप के पत्ते के तौर पर बाबू जगजीवन राम की बेटी और राजनीति का जाना-माना चेहरा रहीं मीरा कुमार को उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है।

दोनों उम्मीदवारों का बिहार से गहरा नाता रहा है, एक की यह जन्मभूमि है तो दूसरे की कर्मभूमि। दोनों का चयन भी अचानक ही हुआ और दोनों के चयन को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर आज भी जारी है।

बात करें एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की तो उन्हें शायद खुद भी पता नहीं होगा कि वो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। एनडीए नेताओं की बैठक के बाद बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने जैसे ही बिहार के राज्यपाल का नाम लिया, टीवी पर नजरें गड़ाए लोगों को अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ।

ये खबर सोशल मीडिया में आग की तरह फैल गयी और रामनाथ कोविंद तमाम साइट्स के टॉप ट्रेंड में शामिल हो गए। उस दिन उन्होंने पीएम मोदी और अमिताभ बच्चन को भी पछाड़ दिया और सबसे ज्यादा सर्च किए गए। इससे भी बड़ी बात यह हुई कि उनके नाम की घोषणा के बाद जदयू ने भी अपनी आपात बैठक बुलाई और अध्यक्ष सह सीएम नीतीश कुमार ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के नाम पर अपनी मुहर लगा दी।

इस खबर से चारों ओर सनसनी फैल गई। यह सुनते ही जहां एक ओर महागठबंधन के नेताओं की बेचैनी बढ़ तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली में बैठक कर रही विपक्षी पार्टियों को भी गहरा धक्का लगा और उन्होंने दांव खेलते हुए बिहार की बेटी मीरा कुमार को अपना प्रत्याशी बना लिया ताकि नीतीश इस बहाने भी अपना फैसला बदल लें।

लालू ने भी नीतीश को समझाने का प्रयास करते हुए कहा कि यह एतिहासिक भूल मत कीजिए नीतीश जी, एक बार फिर सोच लीजिए। लेकिन अपने फैसले से कभी पीछे नहीं हटने वाले नीतीश ने भी लालू को करारा जवाब दिया कि अगर यह एतिहासिक भूल है तो यह भूल कर लेने दीजिए।

हालांकि, नीतीश के इस फैसले की बुद्धिजीवी वर्ग ने जमकर सराहना की। लेकिन राजद नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी का साथ इतना ही पसंद है तो जाकर सट जाइए, धोखा मत दीजिए। महागठबंधन के बीच बढ़ती इस दूरी को सोशल मीडिया में बदलते समीकरण के रूप में देखा जा रहा है।

रमजान के महीने में दावत-ए-इफ्तार का भी खूब दौर चला, सभी राजनीतिक हस्तियों ने अपने-अपने आवास पर दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया। इफ्तार पार्टी के बहाने कई तरह की चर्चाएं और कई तरह व्यंजन के स्वाद के चर्चे रहे।

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लालू के घर की इफ्तार पार्टी इस बार खास रही। इफ्तार पार्टी में सबकी नजरें लालू-नीतीश पर टिकी रहीं। दोनों ने एक-दूसरे को गले तो लगाया, लेकिन बढ़ती दूरी साफ झलक रही थी। रूठने-मनाने जैसी बातें तो हुई नहीं, लेकिन तल्खी ऐसी दिखी कि नीतीश ने साफ शब्दों में कहा कि मीरा को सबने हराने  के लिए ही उम्मीदवार बनाया है, इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। इसपर पहली बार डिप्टी सीएम  तेजस्वी ने नीतीश को जवाब देते हुए कहा कि मैदान में उतरने से पहले जीत-हार तय नहीं होती।

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