तमगा आदर्श वार्ड का पर हाल है बदहाल
नगर निगम के सिटी अंचल अन्तर्गत 20 वार्डो में कभी आदर्श वार्ड के नाम से जाना जाता था 51 नंबर।
पटना। नगर निगम के सिटी अंचल अन्तर्गत 20 वार्डो में कभी आदर्श वार्ड के नाम से जाना जाता था 51 नंबर वार्ड। चौधरी टोला के जय नारायण शर्मा 18 वर्षो तक पार्षद रहे। इस वार्ड की शिक्षा दर सर्वाधिक है। कारण, वार्ड में दो दर्जन से अधिक सरकारी व गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थान हैं। राजकीय महिला महाविद्यालय गुलजारबाग, टीचर्स ट्रे¨नग कॉलेज, बीएनआर बालिका उच्च विद्यालय, तीन प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के साथ ही डेढ़ दर्जन निजी स्कूल चल रहे हैं।
इस वार्ड में दो सौ से अधिक लॉज है। इनमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के दस हजार से अधिक विद्यार्थी रहते हैं। यह सिविल सर्विसेज, बिहार प्रशासनिक तथा अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों में हर समय जुटे रहते हैं। वार्ड में शिक्षित लोगों की संख्या भी अपेक्षाकृत अधिक है। इस कारण वार्ड की व्यवस्था आदर्श हो, इसकी उम्मीद सभी को हर समय रहती है।
इस कसौटी पर यह वार्ड खरा नहीं उतर पाता है। तीन बो¨रग होने के बावजूद वार्ड के कई इलाकों में पेयजल संकट है। स्थानीय लोगों की मानें तो बहुत सारी गलियों में पाइप लाइन का विस्तार नहीं हुआ है। वार्ड में हर तरफ गंदगी का अंबार लगा रहता है। रास्ते पर झाड़ू नहीं पड़ता। कुछ ऐसे भी कूड़ा प्वाइंट हैं जहां से कई-कई दिनों तक गंदगी नहीं उठाई जाती है। चौधरी टोला मध्य विद्यालय गेट पर ही निगम का बड़ा कूड़ा प्वाइंट है। इस रास्ते में आधा दर्जन निजी स्कूल हैं। हर दिन सैकड़ों बच्चे गंदगी से होकर आने-जाने को मजबूर हैं। सड़क व गली की हालत बदतर है। उबड़-खाबड़ रास्तों पर पैदल चलना तक दुश्वार है। स्ट्रीट लाइन नहीं होने के कारण गलियां अंधेरे में डूबी हैं। इसी वार्ड का इलाका है नारायण बाबू की गली और अंबेडकर कॉलोनी। इन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के लिए सुरक्षित तथा व्यवस्थित इंतजाम आज तक नहीं हो सका है। टोका फंसा कर खतरा उठाते हुए दर्जनों परिवार रह रहा है। सरकारी योजनाओं के लाभ से इस बस्ती के लोग वंचित हैं। इस वार्ड का खानमिर्जा मोहल्ला भी पूरी तरह से उपेक्षित है। यहां भी कई तरह की बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। रास्ते चलने लायक नहीं हैं। वार्ड के लोगों का कहना है कि 18 वर्षों तक पार्षद रहे जय नारायण शर्मा का व्यक्तित्व आदर्श था। बेहद सरल स्वभाव के अच्छी छवि वाले यह लोकप्रिय पार्षद वार्ड की सूरत बदलने के लिए आखिरी वक्त तक कोशिश और ¨चता करते रहे।
वार्ड प्रतिनिधि बोले...
वार्ड 51 के पार्षद जय नारायण शर्मा के निधन के बाद वार्ड का कामकाज मैं देख रहा हूं। पार्षद से लगातार मिलते रहे दिशा निर्देश के अनुसार आज भी वार्ड में काम हो रहा है। उपलब्ध संसाधनों से सफाई कराई जा रही है। कई कारणों से वृद्धा, विधवा एवं विकलांग को पेंशन राशि नहीं मिल पा रही है। पेयजल आपूर्ति के लिए तीन बो¨रग चालू है। पाइपलाइन विस्तार का काम कुछ मार्गो में हुआ है।
---ब्रजेश प्रसाद, वार्ड प्रतिनिधि
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जनसंख्या : करीब एक लाख
मतदाता : 24900
स्कूल : तीन प्राथमिक और बीएनआर हाई स्कूल
कॉलेज : राजकीय महिला महाविद्यालय गुलजारबाग, टीचर ट्रे¨नग कॉलेज
अस्पताल : 0, स्वास्थ्य भवन
जन वितरण प्रणाली दुकान : 16
आंगनबाड़ी केन्द्र : 12
पार्क : 0
संप हाउस : 0
पेयजल आपूर्ति बो¨रग : 5, तीन चालू और दो बंद
सफाई मजदूर : 32 सरकारी व दैनिक
उपकरण : एक ट्रैक्टर सही, एक खराब
हाथ ठेला : 20 ठेला
वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंशन के लाभार्थी : 535
प्रमुख समस्याएं : जर्जर सड़क, बदहाल व अंधेरी गली, आवारा कुत्ते का आतंक, पेयजल संकटल, पाइप लाइन का विस्तार नहीं
प्रमुख मोहल्ले : चौधरी टोला, अंबेडकर कॉलोनी, मिश्री टोला, टेकारी रोड, मौआर लेन, खजूरबन्ना, नारायण बाबू की गली
चौहद्दी
उत्तर : गंगा
दक्षिण : अरफाबाद रोड
पूरब : बीएनआर रोड
पश्चिम : स्वास्थ्य भवन
पब्लिक बोली..
जय नारायण बाबू की गली का बहुत बुरा हाल है। इस गली से वाहन तो दूर पैदल चलना मुश्किल है। सड़क में गड्ढे और नालियां टूटी हैं। रास्ते पर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। इस मोहल्ले के लोगों को काफी परेशानी होती है।
- डॉ. अरुण कुमार, फीजिशयन
सफाई तो होती ही नहीं है। हर तरफ कूड़े का ढेर नजर आता है। झाड़ू तक नहीं पड़ता है। गली व सड़क पर संभल कर चलना पड़ता है। हर कदम पर ठोकर है। गली में लाइट नहीं होने से रात में बुजुर्ग व बच्चों को बाहर निकलने में परेशानी होती है।
- संजय पांडेय, चौधरी टोला
वार्ड के दक्षिण का इलाका हमेशा से उपेक्षित रहा है। गरीब जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है। सैकड़ों बुजुर्ग, दिव्यांग एवं विधवा का पेंशन कार्ड नहीं बना है।
-सुदेश कुमार, खजूरबन्ना
कई बो¨रग रहते अधिकांश मोहल्लों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। गलियों में पानी का पाईप ही नहीं बिछा है। चौधरी टोला मिडिल स्कूल के समीप के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। आजाद लेन, मउआर लेन में भी पेयजल संकट कायम है।
- शंभू कुमार, व्यवसायी, चौधरी टोला