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बेउर जेल से रिहा हुए सांसद पप्पू यादव, किया संघर्ष का एलान

जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा से सांसद पप्‍पू यादव को कोर्ट से जमानत मिल गई है। वे बेउर जेल से रिहा हो गये हैं। जेल से निकलते समय समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 11:37 PM (IST)
बेउर जेल से रिहा हुए सांसद पप्पू यादव, किया संघर्ष का एलान
बेउर जेल से रिहा हुए सांसद पप्पू यादव, किया संघर्ष का एलान

पटना [जेएनएन]। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव शुक्रवार को केन्द्रीय कारा बेउर (पटना) से रिहा हो गए। जेल गेट पर कार्यकर्ताओं ने फूल- मालाओं से उनका स्वागत किया।

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पप्पू यादव ने जेल से बाहर आते ही राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष को तेज करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि जेल भिजवाने की साजिश करने वालों के खिलाफ वह पांच करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करेंगे। 

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कोर्ट के प्रति पूरा सम्मान है और बिहार वासियों के प्रेम की वजह से जेल से बाहर आए। आगे की रणनीति के बारे में जाप प्रमुख ने कहा कि लोगों के संघर्ष में पूरी ताकत से शिरकत करेंगे। यहां से सीधे मोतिहारी जाएंगे और सबसे पहले आत्मदाह करने वाले दोनों मजदूरों के परिजनों से मिलेंगे।शनिवार को वे दिल्ली जाएंगे।

सांसद ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि थाने से बेल मिलने वाले मुकदमे में हाईकोर्ट से जमानत लेनी पड़ी। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो ने रेलमंत्री रहते अरबों की बेनामी संपत्ति अर्जित की। अपने अधिकार का दुरुपयोग कर अपने पुत्रों और परिजनों के नाम से बेनामी संपत्ति खड़ी की। गरीब परिवार से आने वाले लालू प्रसाद ने सत्ता में आते ही अरबों की संपत्ति कैसे अर्जित कर ली इसकी जांच होनी चाहिए।

तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव ने चुनाव के दौरान दायर अपने शपथ पत्र में संपत्ति से जुड़े तथ्यों को छुपाया था। गलत और अधूरा ब्योरा देने के कारण तेजप्रताप और तेजस्वी का निर्वाचन रद करना चाहिए।

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सांसद ने कहा कि लालू प्रसाद और उनके परिजन अवैध कमाई को सफेद करने के लिए समय-समय पर कंपनी बनाते रहे और उसका नाम भी बदलते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनके परिजन भी इसमें शामिल रहे। शेयरधारक और निदेशक मंडल के सदस्य बनते रहे। 

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