तिहाड़ में कुख्यात छोटा राजन के पड़ोसी बने शहाबुद्दीन
बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तिहाड़ जेल में रखा गया है। जिस सेल में शहाबुद्दीन को रखा गया है, उसके बगल में ही छोटा राजन भी हैं।
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के पड़ोसी बन गए हैं। शहाबुद्दीन को भारी सुरक्षा के बीच जेल नंबर दो के ए ब्लॉक में रखा गया है, जबकि छोटा राजन सी ब्लॉक में है। इन दोनों के सेल के बीच की दूरी महज 10 कदम है।
तमिलनाडू पुलिस के जिम्में है शहाबुद्दीन की सुरक्षा
शहाबुद्दीन जिस हाई सिक्योरिटी सेल में है, उसके सुरक्षा की जिम्मेदारी तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के हवाले है। पूर्व सांसद की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सेल के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, जिसकी मॉनिटरिंग जेल प्रशासन की ओर से 24 घंटे की जाएगी। पूर्व सांसद को स्पेशल सेल में रखा गया है जहां वह अकेले ही रहेंगे।
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भारी सुरक्षा के बीच शहाबुद्दीन को लेकर बिहार पुलिस संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से सुबह करीब आठ बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां दिल्ली पुलिस के जवान भी तैनात थे। ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के बाद बिहार और दिल्ली पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच पूर्व सांसद को तिहाड़ लाया गया। करीब साढ़े आठ बजे शहाबुद्दीन को तिहाड़ के अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाया गया, जिसके बाद जेल नंबर दो के ए ब्लॉक सेल में रखा गया। जेल अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़ में कोई भी कैदी हाई प्रोफाइल नहीं होता है। यहां पर जेल मैन्युअल के हिसाब से कार्य किया जाता है। शहाबुद्दीन के साथ भी जेल मैन्युअल के हिसाब से ही व्यवहार किया जाएगा और कोई अतिरिक्त सुविधाएं नहीं दी जाएंगी।
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जेल प्रशासन से नहीं की कोई फरमाइश
जेल अधिकारियों के मुताबिक पूर्व सांसद ने अभी तक किसी भी चीज की मांग नहीं की है। यदि समाचार पत्र या फिर किताब की मांग की जाएगी तो जेल मैन्युअल के मुताबिक शहाबुद्दीन को उपलब्ध कराया जा सकता है।
वॉच टावर से भी हो रही निगरानी
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जेल नंबर दो के आसपास बने वॉच टावर से शहाबुद्दीन की निगरानी बढ़ा दी गई है। इस टावर पर शिफ्ट में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं और जेल के अंदर की गतिविधियों से अवगत होते रहते हैं। यदि कहीं भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है तो उससे तुरंत जेल प्रशासन को अवगत कराया जाता है।
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बता दें कि 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन पर चल रहे मुकदमे की निष्पक्ष जांच के लिए तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था। अपने तीन बेटों को खो चुके चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने शहाबुद्दीन को तिहाड़ में शिफ्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं, पत्रकार राजदेव रंजन की विधवा आशा रंजन ने भी मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पूर्व सांसद को तिहाड़ में शिफ्ट करने की बात कही थी।
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