14वें वित्त आयोग से बिहार को होगा अधिक लाभ
पटना। राज्यों ने केंद्र सरकार से दो मांग की थी। पहली केंद्रीय करों में मिलने वाले पैसों में वृद्धि और दूसरी केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कमी करने की मांग की गई थी। राज्य की ये दोनों मांगे केंद्र सरकार ने स्वीकृत कर ली।
पटना। राज्यों ने केंद्र सरकार से दो मांग की थी। पहली केंद्रीय करों में मिलने वाले पैसों में वृद्धि और दूसरी केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कमी करने की मांग की गई थी। राज्य की ये दोनों मांगे केंद्र सरकार ने स्वीकृत कर ली। 14वें वित्त आयोग में राज्य को 10 फीसद अधिक राशि मिली है। इससे बिहार को अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक लाभ होगा। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेठली को धन्यवाद देता हूं। ये बातें पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कही।
मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना पढ़े जिस तरह रेल बजट पर टिप्पणी कर दी। उसी तरह उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कमी होने पर केंद्र को दोषी ठहराया। उन्हें वित्तीय वर्ष 2015-16 का बजट का अध्ययन करने के बाद टिप्पणी करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि केंद्र की कई ऐसी योजनाएं चल रही थी, जिसका लाभ कुछेक राज्यों को ही मिलता था। बाकी राज्यों में कुछ केंद्र प्रायोजित योजनाएं कामयाब नहीं होती थी। ऐसी स्थिति में मांग की गई थी कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं को कमी करके केंद्रीय करों से राज्य को मिलने वाले पैसे में इजाफा कर दिया जाए। यही काम वित्तीय वर्ष 2015-16 में किया गया। पहले केंद्रीय करों का 32 फीसद हिस्सा मिलता था, जिसे बढ़ाकर 42 फीसद कर दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को चुनौती देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में केंद्र से बिहार को जितना पैसा मिला, उससे अधिक राशि इस वित्तीय वर्ष में मिली है।