लालू-नीतीश पर कन्हैया की दो टूक, मेरी ट्रेन चल चुकी है, वे तय करें क्या करना है
पटना दौरे के क्रम में जेएनयू एल्युमिनाई एसोसिएशन के कार्यक्रम में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया ने तर्क के आधार पर कई बातें रखीं। उदाहरणों में अगर मां है तो लेनिन भी। लालू-नीतीश पर साफ-साफ तर्क, "मेरी ट्रेन तो चल पड़ी है। वे सोचें करना क्या है?"
पटना। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया तर्क के आधार पर बात करते हैं। उदाहरणों में अगर मां है तो लेनिन भी। लालू-नीतीश पर साफ-साफ तर्क, "मेरी ट्रेन तो चल पड़ी है। वे सोचें करना क्या है? मेरे पास खोने को कुछ नहीं...।"
कन्हैया का मानना है कि नव उदारवादी नीतियों के लिए दरवाजे खोलने के लिए ही आज राष्ट्रवाद का खेल खेला जा रहा। वे रविवार को पटना दौरे के क्रम में जेएनयू एल्युमिनाई एसोसिएशन के कार्यक्रम में अपने विचार रख रहे थे।
कन्हैया ने शुरुआत जेएनयू विवाद प्रकरण से की। कहा, विवाद के पीछे सरकार की नीतियां हैं। वे अशिक्षा और बेरोजगारी का समाधान नहीं कर पा रहे। जेएनयू में शिक्षा तकरीबन निशुल्क है और गुणवत्ता बेहतरीन। प्रतिभाशाली गरीबों के लिए सुलभ। यदि यह माॅडल विवि कायम रहेगा तो फिर हर राज्य से ऐसे विवि की स्थापना की मांग आएगी। एम्स के मामले में ऐसा हो चुका है। ऐसे में इसके खिलाफ अभियान चला दिया गया।
कन्हैया ने कहा, जिसके पास पैसा है वह ही डिग्री ले सके, ऐसी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्राइवेट कॉलेजों में डिग्री के लिए मोटी रकम देनी होगी। जब इसका विरोध शुरू हुआ तो जेएनयू राष्ट्रद्रोही संस्थान हो गया।
कन्हैया बोले, यह मोदी जी या किसी सरकार का विरोध नहीं है। शिक्षा हक है हमारा। इसे छीनने की साजिश हो रही है तो हमारा विरोध मुखर हो रहा है।
लालू नीतीश पर एक सवाल पर कन्हैया का तर्क है कि उनकी दानापुर-मोकामा शटल ट्रेन चल पड़ी है। तय नीतीश-लालू को करना है वे क्या करेंगे। मेरे पास खोने को कुछ नहीं...उनके पास सारा जहान है। कार्यक्रम के दौरान कन्हैया ने कई और विषयों पर अपनी राय रखी।