पटना में कन्हैया के कार्यक्रम में जमकर हंगामा, विरोधियों ने दिखाए काले झंडे
राजधानी के एसकेएम हॉल में आयोजित AISF और AIYF के कार्यक्रम में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पटना में काले झंडे दिखाए गए। घटना के बाद कन्हैया समर्थकोें ने झंडे दिखाने वाले युवकों को जमकर पीटा। इस दौरान हॉल में अफरा-तफरी मची रही।
पटना। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पटना में आयोजित सभा के दौरान काले झंडे दिखाने पर जमकर हंगामा हुआ। कन्हैया के भाषण के बीच में ही दो युवक 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए काले झंडे लहराने लगे। कन्हैया के समर्थक दोनों युवकों पर टूट पड़े। पुलिस ने जैसे-तैसे युवकों को छुड़ाकर हिरासत में लिया।
विरोध मेें लहराए काले झंडे
रविवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कन्हैया "आजादी" थीम पर एक आम सभा को संबोधित कर रहे थे। इसे एआइएसएफ और ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन ने मिलकर आयोजित किया था। जैसे ही कन्हैया ने बोलना शुरू किया, विरोध में युवकों ने काले झंडे लहराने शुरू कर दिए। उन्होंने भारत माता की जय के नारे भी लगाए।
समर्थकों ने जमकर पीटा
इसी दौरान कन्हैया के समर्थकों ने दोनों युवकों को पकड़कर पिटाई शुरू कर दी। दोनों युवकों को छुड़ाने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। कन्हैया को भी मंच से ही बार-बार कहना पड़ा कि अनुशासन बनाए रखें। पिटाई न करें, उन्हें छोड़ दें।
कन्हैया ने कहा, मैं डरने वाला नहीं
करीब 10 मिनट के बवाल के बाद कन्हैया ने अपने संबोधन में घटना को दुखद करार देते हुए तंज कसा, "युवकों को दिखाना ही था तो तिरंगा दिखाते। वे काला झंडा दिखा रहे थे, लेकिन मुझे भगवा दिखाई दे रहा था। मुझे कलर ब्लाइंडनेस है।"
कन्हैया ने कहा कि कोई कोई काले झंडे दिखाए, 'बाएं' या 'दाएं' पैर का जूता फेंके, उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता। गरीबी, बेकारी जैसी समस्याओं से हम पहले से ही परेशान हैं। हम इससे ज्यादा परेशान होने वाले नहीं हैं।
देशभक्ति व मोदी भक्ति में अंतर
कन्हैया ने कहा कि देशभक्ति व मोदी भक्ति में फर्क करना जरूरी है। यह देखना जरूरी है कि देश के लिए सही क्या है। सवा सौ करोड़ लोगों की बात करना देशभक्ति है। देशभक्ति का मतलब मोदी भक्ति नहीं है। कन्हैया ने कहा कि दुर्भाग्य से देशभक्ति को मोदी भक्ति से जोड़ा जा रहा है। हमें इसी विचारधारा को कुचलना है।
नहीं करता अफजल का समर्थन
कन्हैया कुमार ने पटना में कहा कि वह अफजल के समर्थक नहीं हैं, लेकिन फांसी के विरोधी हैं।
सभी को मिले समान शिक्षा
कन्हैया ने कहा कि सरकारी और निजी स्कूलों की शिक्षा को एक तराजू में नहीं तौला जा सकता। जब वोट बराबर है तो शिक्षा अलग-अलग क्यों? सबको एक तरह की शिक्षा देना केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है।
कन्हैया ने कहा कि शनिवार को इसी मुद्दे पर वह नीतीश कुमार से मिलने गए थे। उनसे टिकट मांगने नहीं गए थे। नीतीश भी सहमत थे, लेकिन उन्होंने बताया कि यह केंद्र के अधिकार का मामला है। उन्होंने केंद्र सरकार से सिफारिश की है।
लालू का पैर छूना शिष्टाचार
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पैर छूने को उन्होंने सामान्य शिष्टाचार बताया।