निर्माण मजदूरों के लिए गठन किया जाए आयोग
पटना। काम के तलाश में पटना आने वाले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रहने के लिए कहीं ठौ
पटना। काम के तलाश में पटना आने वाले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रहने के लिए कहीं ठौर नहीं मिलता है। पेयजल और शौचालय की कोई सुविधा नहीं है। मजदूरों के लिए बनी कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार को चाहिए कि निर्माण मजदूरों के कल्याण के लिए आयोग का गठन करे ताकि उनकी हित रक्षा हो सके। बिल्डिंग निर्माण मजदूर यूनियन की ओर से रविवार को दरोगा प्रसाद राय पथ स्थित पटेल सेवा संघ भवन में आयोजित सम्मेलन में वक्ताओं ने यह मुद्दा उठाया।
सम्मेलन में पूर्व श्रम संसाधन मंत्री दुलाल गोस्वामी ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए कई योजनाएं है लेकिन वाजिब लोगों को समय पर लाभ नहीं पहुंचता है। प्रदेश जदयू श्रमिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बिंदेश्वरी सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गरीबों को जाति-धर्म के आधार पर बांट रही है। सातवें वेतन आयोग में 30 प्रतिशत वेतन वृद्धि प्रस्ताव को काटकर 14.2 फीसद कर दिया। पूर्व विधायक अजय पासवान, यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भरत प्रसाद सिंह, प्रधान सचिव राकेश कुमार पासवान के अलावा अशोक पटेल, शिवली राम, रवीन्द्र सिंह, रामचंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने निर्माण मजदूरों की दुर्दशा की चर्चा करते हुये सरकार से निबंधन करा कर श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं की मांग की। नेताओं ने कहा कि निबंधन की धीमी गति के कारण मात्र 2000 श्रमिकों को औजार, साइकिल और अन्य सुविधाएं मिली है। पटना जिले में करीब 40 हजार मजदूर निबंधित हो सके हैं। निबंधन के बाद नवीकरण शुल्क 20 रुपये से घटाकर 2 रुपये करने की मांग की गई।