महागठबंधन : सीटों का विवाद सुलझाने में जुटे शरद-नीतीश
सिटिंग सीटों पर दावेदारी ने जदयू और राजद के उम्मीदवारों के नाम तय करने में बाधा डाल दी है। विवाद सुलझाने में जदयू अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगे हैं। दोनों नेताओं के बीच शनिवार रात से ही कई राउंड की बातचीत हो चुकी है।
पटना। सिटिंग सीटों पर दावेदारी ने जदयू और राजद के उम्मीदवारों के नाम तय करने में बाधा डाल दी है। विवाद सुलझाने में जदयू अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगे हैं। दोनों नेताओं के बीच शनिवार रात से ही कई राउंड की बातचीत हो चुकी है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से बातचीत के बाद उम्मीदवारों के नामों का एलान किया जाएगा। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने संकेत दिया कि प्रत्याशियों के नामों की घोषणा चरणवार (फेजवाइज) की जाएगी।
शरद यादव ने कहा कि तय फार्मूले के तहत बातचीत चल रही है। हम सीटों के चयन और उम्मीदवारों के नाम के संबंध में जल्द एलान कर देंगे। राजग के अंदरुनी विवाद से महागठबंधन को कोई मतलब नहीं है। हमारा पूरा ध्यान चुनावी रणनीति पर है।
वे रविवार को टिकट के दावेदारों से भी मिले। दूसरी ओर सीटों पर मंथन के लिए मुख्यमंत्री आवास पर जदयू की बैठक आयोजित हुई, लेकिन अंतिम रूप से कोई फैसला नहीं हो सका।
सूत्रों के मुताबिक, कई सीटों पर दोहरी दावेदारी के कारण उम्मीदवारों के चयन में विलंब हो रहा है। राघोपुर की सीट से जदयू के सतीश कुमार जीते हैं। उस सीट से चुनाव लडऩे की बात लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव कर रहे हैं। महुआ की सीट से जदयू के रवींद्र राय जीते थे, जो अभी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी में हैं। महुआ सीट से चुनाव लडऩे की मंशा
लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप जाहिर कर चुके हैं। इसी प्रकार परसा, कुर्था, जहानाबाद और नवादा की सीटें जदयू की हैं, मगर इन पर राजद की भी दावेदारी है। भागलपुर जिले में कहलगांव और भागलपुर शहर की सीटें कांग्रेस की हैं, लेकिन कांग्रेस की ओर से वहां नाथनगर की एक और सीट की मांग की जा रही है। नाथनगर जदयू की सिटिंग सीट है। महागठबंधन में राजद और जदयू को 100-100 सीटों पर चुनाव लडऩा है, जबकि कांग्रेस को 40 सीटें दी गई हैं। राकांपा के लिए छोड़ी गई तीन सीटें किसके खाते में जाएंगी, इसका फैसला अभी नहीं हुआ है।