बिहार में 25 करोड़ की लागत से बन रहा महावीर मंदिर
घने जंगल और नुकीले पत्थरों से गुजर कर महावीर की जन्मस्थली तक जाने वाले रास्ते अब गुलजार होंगे। जैन श्वेतांबर सोसाइटी ने 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्म कल्याणक भूमि पर 25 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर के निर्माण का बीड़ा उठाया है।
जमुई [राकेश सिन्हा]। घने जंगल और नुकीले पत्थरों से गुजर कर महावीर की जन्मस्थली तक जाने वाले रास्ते अब गुलजार होंगे। जैन श्वेतांबर सोसाइटी ने 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्म कल्याणक भूमि पर 25 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर के निर्माण का बीड़ा उठाया है। निर्माण में राजस्थान के मकराना के संगमरमर का इस्तेमाल हो रहा है।
इस भव्य मंदिर के निर्माण की कई विशेषताएं हैं। 100 फीट ऊंचा बनने वाले इस मंदिर में लोहे के रॉड का उपयोग नहीं हो रहा है। संगमरमर की नक्काशीदार प्लेटों को जोडऩे के लिए तांबे की छड़ों को सोल्डिंग कर उनकी पेस्टिंग की जा रही है। मंदिर का निर्माण राजस्थान के इंजीनियर करा रहे हैं। उनके अनुसार मंदिर के निर्माण में छह-सात वर्ष लगेंगे। जनवरी 2014 में इस भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है।
मंदिर तक जाने के लिए कई पहाडिय़ां पार करनी होती है। तलहटी से मंदिर की दूरी पांच किलोमीटर है, जहां सिर्फ पैदल ही जाया जा सकता है। एक दूसरा रास्ता पहाड़ को काटकर बनाया गया है, जो नुकीले पत्थरों से भरा है। इस रास्ते से वाहन मंदिर तक पहुंचते हैं। अक्टूबर से जनवरी के बीच महाराष्ट्र और गुजरात के तीर्थ यात्रियों से यह इलाका गुलजार होता है।
खासियत
-100 फीट होगी ऊंचाई, निर्माण में लोहे के रॉड का नहीं होगा उपयोग
- तांबे की छड़ों से जोड़ी जाएंगी संगमरमर की नक्काशीदार प्लेटें