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जनता को बताएंगे स्पेशल पैकेज का झूठ : नीतीश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सवा लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमकर हमला बोला। अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में नीतीश ने कहा कि विशेष पैकेज विहार के लिए बस एक छलावा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2015 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2015 06:59 PM (IST)
जनता को बताएंगे स्पेशल पैकेज का झूठ : नीतीश

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सवा लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज को छलावा बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पैकेज की राजनीति कर बिहार विधानसभा चुनाव में लोगों का समर्थन हासिल करना चाहते हैं।

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नीतीश कुमार का आरोप रहा कि 1.25 लाख करोड़ में से 1.08 लाख करोड़ केवल आंकड़ों का मायाजाल है। भाजपा के लोग और खुद प्रधानमंत्री मोदी तक सरकारी संसाधनों से ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं मानो पैकेज से बिहार और यहां के लोगों की तकदीर बदलने वाली है। मुख्यमंत्री बुधवार को 7 सर्कुलर रोड में मीडिया से बात कर रहे थे।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार गणितज्ञों की धरती है। जीरो का आविष्कार आर्यभट्ट ने किया था। आर्यभट्ट बिहार के ही थे। कहा कि आज वे इस पूरे पैकेज का हिसाब दे रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि पीएम ने बिहार को जो तथाकथित पैकेज दिया है उसमें 1.08 लाख करोड़ आंकड़ों का मायाजाल है तो छह हजार करोड़ केवल हवा हवाई दावे हैं।

इस पैकेज को कोई भी देखेगा और आंकड़ों का निष्पक्ष आकलन करेगा तो पैकेज के स्पेशल होने की कलई खुल जाएगी। सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की हकीकत यह है कि इस गुब्बारे में महज 10,368 करोड़ की राशि अतिरिक्त रूप से बिहार को मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने मोदी से पूछा है कि वे बताएं कि पैकेज का कितना भाग भारत सरकार के वित्तीय कोष से आ रहा है। क्या केंद्र सरकार वित्तीय संसाधन देने की पूरी जिम्मेदारी ले रही है या फिर इसमें अन्य कोई भी साझेदार होगा।

मुख्यमंत्री ने आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए कहा कि राजमार्ग, रेलवे ओवर ब्रिज और पुल के निर्माण के लिए 54,713 करोड़ रुपये की राशि देने की बात कही गई है। हकीकत है कि 41 परियोजनाओं में 37 पर 47,553 करोड़ की राशि 2007 से 2015 के बीच आवंटित की गई है।

इसमें योजना में महज 7,160 करोड़ की अतिरिक्त राशि को तिल का ताड़ बनाया जा रहा है। इसी प्रकार विशेष पैकेज के अंदर बक्सर में सतलज जल विद्युत निगम परियोजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित हैं। यह आवंटित राशि का 62 प्रतिशत भाग है। अभी तक निवेश का कोई प्रस्ताव सतलज जल विद्युत निगम लि. ने पास नहीं किया है। यह भी साफ नहीं कि कौन साझेदार इस परियोजना में निवेश करेगा।

इसी प्रकार ग्रामीण सड़कों का हवाला देते हुए बताया कि पैकेज में लिखा है कि सूबे में 22,500 किमी रोड बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 13,820 करोड़ देंगे। यह राशि तो सभी राज्यों को मिलती है। ऐसे में यह पैकेज का हिस्सा कैसे हो गई। उन्होंने कहा पेट्रोलियम मंत्री ने बिहार के तेल और गैस क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश का वादा किया था।

इसमें रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने का भी प्रस्ताव था। क्या पैकेज की आड़ में पुरानी योजनाओं को भी बेचने की कोशिश नहीं। उन्होंने कहा पीएम मोदी ने बेहद चतुराई से विशेष पैकेज में दीनदयाल ग्राम विद्युत योजना और इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत पैकेज में 7927.73 करोड़ का आवंटन किया है, जिसमें केंद्र का योगदान 60 प्रतिशत है।

जबकि राज्य सरकार को 3171.09 करोड़ खर्च करने होंगे। साथ ही जमीन भी देनी होगी। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने किसान कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास योजना के लिए दी गई राशि की हकीकत से भी पर्दा उठाया।

मुख्यमंत्री ने एक अन्य सवाल की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए जानना चाहा कि अब तक यह भी तय नहीं कि इस पैकेज के तहत जो राशि बिहार को मिलने वाली है, वह कब तक मिलेगी। एक वर्ष में या पांच वर्ष में। चौथा प्रश्न यह है कि राशि कैसे दी जाएगी। क्या प्रारूप होगा।

राज्य सरकार को सीधे दी जाएगी या किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से। अगर ऐसा है तो तीसरा पक्ष कौन होगा। उन्होंने कहा कि यह बयान दिया गया कि भारत सरकार ने अपनी जीडीपी का एक प्रतिशत बिहार को दे दिया, लेकिन इसे लेकर वित्त मंत्री के चेहरे पर चिंता की लकीर ही नहीं, क्योंकि पैकेज के संसाधनों का इंतजाम केंद्रीय बजट से करना ही नहीं है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जिस तरह से यह पैकेज दिया गया उससे लगता है जैसे बिहार के लोगों के भरोसे की बोली लगाई गई हो

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के लोग पैकेज का प्रचार कर रहे हैं तो बात समझ में आती है, लेकिन यहां तो देश के शीर्ष पद पर बैठा व्यक्ति छलावे की राजनीति कर रहा है।


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