38 कॉलेजों की संबद्धता पर खतरा
पटना। राज्य सरकार 38 डिग्री कॉलेजों की संबद्धता को समाप्त करने की तैयारी में है। यह कार्रवाई विश्ववि
पटना। राज्य सरकार 38 डिग्री कॉलेजों की संबद्धता को समाप्त करने की तैयारी में है। यह कार्रवाई विश्वविद्यालयों की जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी। इनमें अधिकांश मामले नए संबंधन (एफिलिएशन) से संबंधित हैं। ये कॉलेज मगध विश्वविद्यालय (बोधगया), वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), जेपी विश्वविद्यालय (छपरा), बीएन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिश्र मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा) से संबद्धता प्राप्त हैं।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक संबंधित कॉलेज संबद्धता की शर्तो को पूरा नहीं करते हैं। इन कॉलेजों के पास न आधारभूत संरचना है और ना ही योग्य व पर्याप्त संख्या में शिक्षक। जिन कॉलेजों के लिए वोकेशनल कोर्स की मान्यता देने का प्रस्ताव आया था, उनके पास भी न लैब है न लाइब्रेरी। संबंधित विषयों में शिक्षक तक नहीं हैं।
दरअसल, किसी भी कॉलेज द्वारा संबद्धता के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन किया जाता है। संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा उक्त कॉलेज में संबद्धता की शर्तो की वस्तुस्थिति की जांच-पड़ताल होती है। ताज्जुब यह कि निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन और जांच के बगैर ही विश्वविद्यालयों ने संबंधित कॉलेजों को संबद्धता देने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया। अब पूरी कार्रवाई राज्यपाल सचिवालय द्वारा निर्देशित नियम-परिनियम और बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा-21 (2) (डी) के प्रावधानों के तहत की जाएगी।
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संबद्धता के लिए मुख्य मानदंड
* संबद्धता के लिए विश्वविद्यालयों में आवेदन करना
* संबंधित विश्वविद्यालय के स्तर पर कॉलेज की जांच
* जांच रिपोर्ट पर संतुष्ट होने पर सरकार को प्रस्ताव भेजना
* कॉलेज के पास संबंधित संकाय में संबद्धता के लिए योग्य शिक्षक एवं आधारभूत संरचना का होना