Move to Jagran APP

'रॉबिनहुड' बन जमीन हड़प रहा पीएलएफआइ चीफ

नक्सली लेवी के नाम पर होने वाली वसूली से अर्जित पैसों से बिजनेस कर रहे हैं। बिजनेस ऐसा जिससे काली कमाई सफेद तो हो ही रही, गरीबों के बीच छवि 'रॉबिनहुड' की बन रही है। झारखंड में प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआइ का सरगना दिनेश गोप इसी लाइन पर चल रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 11:34 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 11:46 AM (IST)
'रॉबिनहुड' बन जमीन हड़प रहा पीएलएफआइ चीफ

पटना [प्रशांत कुमार]। नक्सली लेवी के नाम पर होने वाली वसूली से अर्जित पैसों से बिजनेस कर रहे हैं। बिजनेस भी ऐसा जिससे काली कमाई सफेद तो हो ही रही, गरीबों के बीच छवि 'रॉबिनहुड' की बन रही है।

loksabha election banner

झारखंड में प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) का सरगना दिनेश गोप इसी लाइन पर चल रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अपराध से अर्जित रुपयों से दिनेश 18 स्कूलों का संचालन कर रहा है, जिसमें अधिकांश झारखंड और बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी एक-एक स्कूल है।

स्कूलों के बहाने हड़प रहा जमीन

झारखंड के सिमडेगा, पलामू, गुमला, खूंटी सहित कई नक्सल प्रभावित इलाकों में भी उसके स्कूल और शैक्षणिक संस्थान हैं। दिनेश खुद को माओवादियों से अलग बताता है। उसने झारखंड के गरीबों में यह बात फैला रखी है कि पीएलएफआइ एक सामाजिक सुधारवादी समूह है।

भाकपा माओवादियों ने स्कूलों को ध्वस्त करने का काम किया है, जबकि पीएलएफआइ शिक्षा के मंदिर की स्थापना कर रहा है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि संगठन के स्कूल सदस्यों के लिए सुरक्षित ठिकाना हैं, जहां असलहे रखे जाते हैं।

गरीबों को झांसा देकर संगठन उनके माध्यम से जमीन हड़पने का काम करता है। इसके बाद उसपर स्कूल खोलकर कुछ गरीबों के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा देने का दावा कर नक्सली गतिविधियां संचालित की जाती हैं।

जमीन मालिक नहीं कर रहे शिकायत

एक वरीय पुलिस अधिकारी के मुताबिक संगठन के ज्यादातर स्कूल एक बड़े बैनर के तले चल रहे हैं। एक स्कूल परिसर औसत तीस एकड़ में है। कमेटी के पास 4.6 एकड़ जमीन की खरीद का रिकॉर्ड है, बाकी की जमीन संगठन ने अतिक्रमण कर रखी है।

पिछले वर्ष पुलिस ने गुमला के गराय स्थित स्कूल में छापेमारी की थी। तत्कालीन गुमला एसपी भीमसेन ने अतिक्रमित जमीन के मालिकों से संपर्क किया और उनसे शिकायत करने को कहा तो उन्होंने डर से मना कर दिया।

बिहार में पांव पसारने की कवायद

पीएलएफआइ ने बिहार में पांव पसारने के लिए नालंदा जिले से कवायद शुरू की है। कहा जाता है कि नालंदा जिले के चिकसोहरा गांव के अधिकांश पुरुष मुंगेर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करते थे।

फैक्ट्री बंद होने के कारण वे बेरोजगार हो गए। इसके बाद उन्होंने घर में ही हथियार बनाना शुरू कर दिया। ग्राहकों की खोज में नक्सलियों से संबंध जोड़ लिया। जब पुलिस की सरगर्मी बढ़ी तो वहां के कुशल कारीगरों को पीएलएफआइ झारखंड लेकर चली गई। बहादुरपुर बम ब्लास्ट के बाद पकड़े गए नालंदा के कुंदन ने पुलिस को यह जानकारी दी थी।


मुंगेर और भागलपुर भी टारगेट पर

पुलिस सूत्रों की मानें तो पीएलएफआइ मुंगेर में भी पांव जमाने की फिराक में है, लेकिन वहां दूसरे नक्सल संगठन उनके मंसूबे को पूरा होने नहीं दे रहा है। झारखंड से सटे होने के कारण भागलपुर में दिनेश संगठन का कार्यालय खोलने की फिराक में है।

सिटी एसपी ने बताया-

अनुसंधान के क्रम में जानकारी मिली है कि दिनेश अपराध से अर्जित रुपयों से स्कूलों का संचालन कर रहा है। पीएलएफआइ का मुख्य पेशा दहशत फैलाकर लेवी वसूलना है। नालंदा में संगठन के काफी सदस्य हैं, जिनकी गिरफ्तारी को छापेमारी हो रही है।

- सुधीर कुमार पोरिका, सिटी एसपी (पूर्वी)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.