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केंद्र के योग से मुकाबले में बिहार सरकार को खादी का सहारा

बिहार में चुनावी सरगर्मियों के बीच योग दिवस पर जनता को आकर्षित करने की केंद्र सरकार की कवायद का जबाव देने के लिए प्रदेश सरकार ने खादी का सहारा लिया है।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2015 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2015 08:30 PM (IST)
केंद्र के योग से मुकाबले में बिहार सरकार को खादी का सहारा

पटना। बिहार में चुनावी सरगर्मियों के बीच योग दिवस पर जनता को आकर्षित करने की केंद्र सरकार की कवायद का जबाव देने के लिए प्रदेश सरकार ने खादी का सहारा लिया है। सचिवालय की ओर से एक पत्र जारी कर राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही स्कूल और कॉलेजों के शिक्षकों को सलाह दी गई है कि खादी के डूबते कारोबार को बुलंदी देने के लिए सरकारी सेवकों को सप्ताह में कम से कम दो दिन खादी के कपड़े पहन कर कार्यालय आना चाहिए।

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दरअसल, यह पहला मौका नहीं है जब राज्य सरकार की ओर से इस प्रकार की हिदायत दी गई है। इसके पूर्व भी उद्योग विभाग की ओर से कर्मचारियों और अधिकारियों को खादी के प्रोत्साहन के लिए प्रेरित किया जाता रहा है। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह कहते हैं कि यह कोई नया आदेश नहीं है। खादी उद्योग से जुड़े परिवारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसे आग्रह पूर्व में भी किए जाते रहे हैं। सरकार के इस कदम से यदि खादी से जुड़े लोगों को लाभ मिलता है तो इसमें बुराई क्या है!

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने अपने पहले स्वागत समारोह के दौरान लोगों से फूल माला स्वीकार करते हुए कहा था कि यदि वे फूल माला में पैसे बर्बाद करने के बजाय स्वागत में नेताओं या विशिष्ट लोगों को अंगवस्त्र देंगे तो इस कारोबार से जुड़े लोगों को फायदा होगा और हस्तकरघा उद्योग से जुड़े परिवारों का आर्थिक लाभ मिल सकेगा।


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