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गठबंधन का रास्ता आसान करने में जुटे नीतीश

विधान परिषद चुनाव के लिए गठबंधन का रास्ता आसान करने में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जुट गए हैं। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से बात नहीं बनी तो उन्होंने खुद ही कमान संभाल ली।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 27 May 2015 09:57 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 09:58 AM (IST)
गठबंधन का रास्ता आसान करने में जुटे नीतीश

पटना। विधान परिषद चुनाव के लिए गठबंधन का रास्ता आसान करने में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जुट गए हैं। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से बात नहीं बनी तो उन्होंने खुद ही कमान संभाल ली। मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस, वामदल के अलावा अपने दल के कुछ विधायकों से बात की और उनसे फीडबैक लिया। राजद के किसी नेता को आमंत्रित नहीं किया गया।

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मुख्यमंत्री से मिलने वालों में कांग्रेस के सदानंद सिंह, भाकपा के जितेंद्र नाथ के अलावा जदयू विधायक सुनील पांडेय और गुड्डी देवी शामिल थीं। सुनील पांडेय के भाई हुलास पांडेय का भोजपुर तो गुड्डी देवी के पति राजेश चौधरी की सीतामढ़ी सीट पर दावा है। इन नेताओं की नीतीश कुमार ने बातें तो सुनीं, लेकिन अपनी ओर से कुछ नहीं कहा। सोमवार को भी मुख्यमंत्री इन दलों के नेताओं से मिले थे और आश्चर्य की बात तो यह है कि इन दो दिनों में राजद की ओर से कोई नेता नहीं दिखाई दिया।

राजद ने भोजपुर सीट पर दावा कर रखा है। वहां से उसने राधाचरण सेठ को विधान परिषद चुनाव लड़ाने का संकेत दिया है। वामदल गठबंधन में शामिल नहीं हैं। उन्होंने अपना अलग मोर्चा बना लिया है। उन्हें गठबंधन में लाने का जदयू की ओर से प्रयास जारी है। वहीं, कांग्रेस को चार सीटें आफर की जा रही हैं, जिस पर कांग्रेस की ओर से सहमति नहीं जताई जा रही है। कांग्रेस जो सीटें चाहती है उनमें कुछ सीटों पर राजद का दावा है। आफर की गई सीटों पर कांग्रेस ने अबतक अपनी सहमति नहीं जताई है।


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